हालांकि कर्जदार की मृत्यु एक दुःखद घटना होती है, लेकिन इसके बावजूद लोन भुगतान की जिम्मेदारी कोई नहीं छोड़ता। बैंक कर्ज की वसूली के लिए विशेष नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जिसमें होम लोन, वाहन लोन, और पर्सनल लोन शामिल होते हैं।

होम लोन के नियम:

होम लोन में, यदि कर्जदार की मृत्यु हो जाती है, तो लोन चुकाने की जिम्मेदारी को-बोरोवर की होती है, या मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी, जैसे कि बेटे, बेटी या किसी सम्बंधी की होती है। यदि को-बोरोवर या उत्तराधिकारी लोन चुका सकते हैं, तो उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी जाती है। अन्यथा, बैंक निलामी द्वारा बकाया लोन वसूल करता है।

पर्सनल लोन के नियम:

पर्सनल लोन के मामले में, अगर कर्जदार की मौत हो जाती है, तो बैंक किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे की वसूली नहीं कर सकता है। इसका मतलब है कि उत्तराधिकारी पर्सनल लोन के प्रति जवाबदेह नहीं होता है।

वाहन लोन के नियम:

वाहन लोन के मामले में, अगर कर्जदार की मौत हो जाती है, तो बैंक उसके परिवार को लोन चुकाने के लिए कहता है। यदि परिवार ऐसा नहीं करता है, तो बैंक वाहन को जब्त करके बेच देता है और लोन का पैसा वसूल करता है।

संभावित प्रभाव:

इन नियमों का ज्ञान न केवल कर्जदारों और उनके परिवारों को सहयोग करेगा, बल्कि यह उन्हें संभावित वित्तीय बोझ से बचाने में भी मदद करेगा।

महत्वपूर्ण जानकारी सारणी:

लोन प्रकार जिम्मेदार व्यक्ति वसूली प्रक्रिया
होम लोन को-बोरोवर या उत्तराधिकारी लोन चुका देने की जिम्मेदारी या संपत्ति की नीलामी
पर्सनल लोन NA उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी नहीं
वाहन लोन परिवार लोन चुका देने की जिम्मेदारी या वाहन की नीलामी

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं।

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