Man returns from Dubai jail to India. दुबई में एक युवक एक ऐसे जुर्म के आरोप में 14 साल सलाखों के पीछे रहा जिसे उसने किया ही नहीं था. अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई… वह इस बात से परेशान था कि वह अपने घर नहीं लौट पाएगा. उसका नाम मकुरी शंकर है जो आखिरकार जेल से छूट गया.

शंकर निजामाबाद जिले के मेंडोरा मंडल का मूल निवासी हैं और 17 साल बाद अपने पैतृक गांव पहुंचा है. शंकर 2006 में रोजगार के लिए दुबई गया और एक कंपनी में फोरमैन के रूप में काम किया. दुबई जाने के समय उसकी पत्नी गर्भवती थी. कुछ दिनों बाद उसे एक बेटा हुआ. शंकर को 2009 में वापस लौटना था, लेकिन जिस कंपनी में वह काम कर रहा था, उसकी छठी मंजिल पर एक दुर्घटना हो गई. इस दुर्घटना में एक शख्स की मौत हो गई. इसके लिए शंकर को जिम्मेदार ठहराया गया और पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया.

 

2013 में वहां की अदालत ने शंकर को मौत की सजा सुनाई थी. इस पर उसने कोर्ट से मामले की जांच फिर से कराने की मांग की. कोर्ट ने निर्देश दिया कि फांसी की सजा से छुटकारे के लिए मृतक के परिवार की ओर से माफी का पत्र लाया जाए. शंकर के परिवार ने निजामाबाद जिले के टीडीपी नेता देगम यादगौड और दुबई में एक वकील अनुराधा से संपर्क किया.

 

यह जानने के बाद कि मृतक राजस्थान का रहने वाला था, उन्होंने वहां जाकर परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने यह कहते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए कि वे 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे. राशि जमा की गई और दान के रूप में प्रदान की गई. अदालत में माफी के दस्तावेज जमा करने के बाद शंकर को मौत की सजा से मुक्त कर दिया गया. वह एक हफ्ते से भी कम समय पहले जेल से रिहा हुआ और शुक्रवार को निजामाबाद जिला स्थित अपने घर पहुंचा.

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