देश के मणिपुर में मामला और गंभीर हो चला है. हिंसा में अब तक 54 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है तो वही 1100 से ज्यादा लोग मणिपुर छोड़कर असम चले गए हैं. मणिपुर राज्य में स्थिति को सामान्य करने के लिए सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया गया है.
Manipur Violence जातीय हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या तक पूरे प्रदेश में हुए हैं. उपद्रवियों को देखने के साथ ही गोली मारने के आदेश जारी किए जा चुके हैं. बीजेपी की अगुआई वाली राज्य सरकार ने रिजर्व्ड फॉरेस्ट यानी आरक्षित वन क्षेत्र को आदिवासी ग्रामीणों से खाली कराने का अभियान चला रही है। कुकी समुदाय इसके विरोध में है।
सेना कर रही रेस्क्यू.
मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि लोगों के सुरक्षा के लिए इंडियन आर्मी और असम राइफल की टीम ने 16000 से ज्यादा लोगों को मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों से रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है. 10,000 पैरामिलिट्री फोर्स डेप्लॉय की गई है.
राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मणिपुर हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है और भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद महज एक साल में उपजे इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है.