संन्यास लेने के बाद मनोज तिवारी ने कई सालों की टीस का इजहार किया है। उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “मैं धौनी से पूछना चाहता हूं कि शतक लगाने के बाद मुझे टीम से क्यों हटा दिया गया था?” तिवारी ने 2011 में चेन्नई वनडे में विंडीज के खिलाफ नाबाद 104 रन बनाए थे। उसके बाद उन्हें 14 मैच तक नहीं खिलाया गया था।

Goodbye to the game': Manoj Tiwary announces retirement from all forms of  cricket | Cricket News - The Indian Express

रोहित-विराट जैसा नायक बनने की थी क्षमता:

तिवारी ने कहा, “मुझमें भी रोहित, विराट कोहली की तरह नायक बनने की क्षमता थी मगर ऐसा नहीं हो सका। आज जब मैं टीवी पर देखता हूं कि दूसरे लोगों को ज्यादा मौके मिल रहे हैं तो दुखी होता हूं।”

युवा खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी पर ध्यान देना चाहिए:

उन्होंने युवा खिलाड़ियों के आईपीएल केंद्रित दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की और रणजी ट्रॉफी पर अधिक ध्यान देने की वकालत की। उन्होंने कहा, “युवा आजकल बैजबॉल दृष्टिकोण, बैट को पहली ही गेंद से घुमाने की प्रवृत्ति अपना रहे हैं। व्यक्तिगत तौर पर मैं इसको पसंद नहीं करता हूं।”

मनोज तिवारी ने लिया संन्यास: 38 वर्षीय तिवारी ने सोमवार को बिहार के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया।

तिवारी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 में खिताब जीतने के अलावा राइङ्क्षजग पुणे सुपरजायंट््स, दिल्ली डेयरडेविल्स और पंजाब ङ्क्षकग्स का भी प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कुल मिलाकर 183 टी20 मैचों में 3436 रन बनाये, जिसमें 15 अद्र्धशतक शामिल रहे।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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