इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी प्रगति के बीच, मारुति सुजुकी कार्बन न्यूट्रैलिटी की ओर अलग-अलग विकल्पों की खोज में लगी हुई है। FY-24 के नतीजों के बाद, कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने मीडिया को बताया कि सुजुकी हेडक्वार्टर जापान, कॉम्पैक्ट कारों के लिए एक किफायती हाइब्रिड समाधान पर काम कर रहा है और वह भविष्य में महंगी प्लग-इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को भी विचार में लेने पर गंभीर है।
स्मॉल कारों के लिए सस्ते हाइब्रिड सिस्टम
मारुति सुजुकी के चेयरमैन R C भार्गव के अनुसार, टोयोटा हाइब्रिड सिस्टम में लगने वाली तकनीकी अभी भी काफी महंगी है, जिसकी वजह से वाहन की अंतिम कीमत भी ऊँची हो जाती है, खासकर 43% की GST दर के साथ।
उन्होंने कहा, “सुजुकी जापान में बेहतर टेक्नोलॉजी पर काफी काम चल रहा है, जिससे छोटी कारें हाइब्रिडीकरण के सिद्धांतों का लाभ उठा सकेंगी और वो भी बहुत ही किफायती दाम में। कम GST के साथ मिलकर यह छोटी कारों को आज से कहीं ज्यादा माइलेज देने में सक्षम बनाएगा।”
Autocar India ने इस साल फरवरी में बताया था कि मारुति सुजुकी अपनी कारों के लिए एक आसानी से उपलब्ध सीरीज हाइब्रिड तकनीक विकसित कर रही है, जो Fronx, Baleno, Swift और एक छोटी MPV में उपयोग की जाएगी।
प्लग-इन हाइब्रिड्स पर विचार
मारुति सुजुकी अपने पोर्टफोलियो का विस्तार मिड-साइज SUVs तक कर रही है, और भविष्य में प्लग-इन हाइब्रिड की संभावना को भी तलाश रही है। कंपनी के MD हिशाशी ताकेउची ने कहा, “हमारे पास भारत में प्लग-इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है, लेकिन यह एक दिलचस्प प्रस्ताव है और हमें इसे गंभीरता से विचार में लेना चाहिए।”
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सरकारी अधिकारियों ने हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स या सेस में कमी की संभावना पर विचार करने की इच्छा जताई है।
मारुति सुजुकी ने अपने 3.0 लॉन्ग टर्म विजन के तहत हाइब्रिड्स की 25% पैठ बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसका मतलब FY-31 तक 7.5 लाख से 1 मिलियन हाइब्रिड कार सेल्स होगा। फिलहाल, कंपनी अपने मिड-साइज प्रीमियम वाहनों Grand Vitara और Invicto में ही हाइब्रिड ऑफर करती है, लेकिन FY-26 से वॉल्यूम्स में वृद्धि होने की उम्मीद है।