प्रवासी मजदूरों पर कोटा लागू करने के एक नए विधेयक के बाद कुवैत में हजारों विदेशी श्रमिकों को चिंता बढ़ है।दरअसल खाड़ी राज्य की नेशनल असेंबली द्वारा पिछले महीने प्रस्तावित इस विधेयक में देश के 15 प्रतिशत लोगों को भारतीय निवासियों और श्रमिकों की संख्या को सीमित करने की आवश्यकता है, जिससे लगभग 800,000 भारतीयों को स्वदेश वापस लौटना पड़ सकता है।

UAE Coronavirus News: UAE to take action against nations refusing ...

बता दे कुवैत की 4.3 मिलियन की आबादी में कम से कम 1.45 मिलियन भारतीय शामिल हैं। ऐसे में कुवैती संसद देश में शामिल प्रवासी आबादी को कम करने पर विचार कर रही है, इसके लिए उन्होंने एक विधेयक भी जारी किया है, जिसने भारतीय श्रमिकों की नींद उड़ा दी है।

दरअसल कुवैत में काम करने वाले ज्यादातर भारतीय प्रवासी तेलंगाना और विशेष रूप से केरल जैसे राज्यों से आते हैं, जो देश में 70 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों की आपूर्ति करते हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए साउथ में रोजगार की काफी कमी है, जिसके चलते वह अपने देश से पलायन करने को मजबूर होकर यहां आते है।

कुवैत में भारतीय दूतावास के आंकड़ों के अनुसार देश में कम से कम 28,000 भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र में मेडिकल विभाग, राष्ट्रीय तेल कंपनियों में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के रूप में कार्यरत हैं। निजी क्षेत्र में लगभग 523,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि भारत से 116,000 आश्रित और 60,000 छात्र हैं। सरकार के इस फरमान के बाद अब नौकरी पर मंडराते इस खतरे से सभी भारतीय श्रमिक परेशान है।

UAE warns on foreign worker repatriation, threatens to review work ...

ऐसे में आने वाला यह नया विधेयक इन सभी लोगों के लिए बड़ी मुसिबत ला सकता है। साथ ही अब तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है, कि सरकार के इस विधेयक की गाज कब और किस पर गिरेगी।

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