Mobile tarrif like electricity company switch: दिल्ली के निवासियों ने मोबाइल टैरिफ की तर्ज पर बिजली कंपनी चुनने का विकल्प मांगना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने बिजली कंपनियों और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
सरकार की भूमिका पर सवाल
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के बाद पम्मा ने कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार फ्री बिजली और बच्चों को शिक्षा देने का दावा करती है, जबकि दूसरी तरफ बिजली कंपनियां लोगों से अनाप-शनाप बिजली बिल वसूल रही हैं। पम्मा ने आरोप लगाया कि सरकार इस स्थिति में मूक दर्शक बनकर बैठी है।
बिजली कंपनियों पर लगाम लगाए सरकार
पम्मा ने सरकार से बिजली कंपनियों और प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा, “सरकार को बिजली कंपनियों और प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ लगाम लगानी चाहिए। साथ ही ऐसी स्कीम की घोषणा करें जिससे टेलीफोन और मोबाइल प्रदाता कंपनियों की तरह बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को चुनने का विकल्प होना चाहिए। इससे बिजली कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी।”
प्रतिस्पर्धा का लाभ
पम्मा ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले मोबाइल कंपनियों को आउटगोइंग कॉल्स के लिए जहां 16 रुपये प्रति मिनट और इनकमिंग कॉल के लिए आठ रुपये तक चुकाने होते थे, अब ज्यादा कंपनियों के आने के कारण उनमें प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इससे वे सस्ती से सस्ती स्कीम लाकर ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए लगी हुई हैं।
उन्होंने कहा, “इसी प्रकार, अगर बिजली कंपनियों में भी अन्य कंपनियां आ जाएं तो ग्राहकों को सस्ती और अच्छी सेवा मिलेगी। इससे बिजली के क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।”
पम्मा ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, तो नेशनल अकाली दल सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा। उनका मानना है कि प्रतिस्पर्धा के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं और सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवाई जा सकती है।