कभी देश की प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाता रही महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) अब मुश्किल दौर से गुजर रही है। एक समय MTNL का दबदबा था, खासकर मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में। लेकिन अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यह कंपनी लगभग बंद होने के कगार पर है।
MTNL, जिसे सरकार ने ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया था, आज बैंकों का कर्ज चुकाने में नाकाम हो रही है। कंपनी ने बैंकों से लिए गए ₹7,900 करोड़ के कर्ज की किस्तें चुकाने में चूक की है और अब बैंकों से “haircut” की मांग कर रही है। यानी, वो बैंकों से कर्ज की राशि में कटौती करने का अनुरोध कर रही है।
कर्ज और घाटा
पिछले वित्तीय वर्ष में MTNL ने ₹3,302 करोड़ का घाटा दर्ज किया, जबकि उसकी कुल कमाई सिर्फ ₹728 करोड़ रही। एक ऐसी कंपनी, जिसका कारोबार लगातार गिरावट पर है और जिसकी तकनीक अब पुरानी हो चुकी है, वह कैसे अपने भारी कर्जों को चुकाएगी?
MTNL की मौजूदा हालत में इसका कर्ज ₹29,980 करोड़ तक पहुंच चुका है, और इसे चुकाने के लिए जितना ब्याज देना पड़ रहा है, वह कंपनी की कुल आय से लगभग दोगुना है।
तकनीकी पिछड़ापन और व्यापार मॉडल की कमी
MTNL का व्यापार मॉडल समय के साथ न सिर्फ पिछड़ गया, बल्कि यह अब किसी प्रतिस्पर्धा में टिकने लायक नहीं है। कंपनी ने अपने ही आकलन में कहा है, “MTNL का मौजूदा नेटवर्क अब पुराना हो चुका है, और भारी कर्ज और पिछले 12 वर्षों के लगातार घाटे के चलते हम नेटवर्क को अपडेट या विस्तार करने की स्थिति में नहीं हैं।”
यहां तक कि दिल्ली और मुंबई में 4G सेवाओं का अधिकार भी BSNL को दे दिया गया है। इससे MTNL की हालत और खराब हो गई है।
संपत्ति मोनेटाइजेशन में भी अड़चन
कर्ज चुकाने के लिए कंपनी ने अपनी संपत्तियों को बेचने की योजना बनाई थी, लेकिन उसमें भी कई अड़चने आ रही हैं। MTNL के पास कई संपत्तियां हैं, लेकिन उन पर कानूनी रूप से अधिकार सिद्ध करने वाले दस्तावेज नहीं हैं। जब तक ये संपत्तियां कानूनी रूप से रजिस्टर्ड नहीं हो जातीं, तब तक उन्हें बेचा नहीं जा सकता।
क्या है भविष्य?
MTNL के पास अब दो ही रास्ते बचे हैं: या तो दिवालिया घोषित कर दिया जाए, या फिर सरकार से बेलआउट की मांग की जाए। एयर इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों को तो बेलआउट मिल गया, लेकिन MTNL के लिए ऐसा होना मुश्किल लगता है।
MTNL का कोई ठोस व्यापार मॉडल नहीं है, यहां तक कि घाटे में चलने वाले कारोबार को भी टिकाने की क्षमता नहीं है। BSNL अब सरकार की टेलीकॉम योजनाओं का मुख्य केंद्र बन गया है, और MTNL की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।