दिल्ली में मेट्रो का विस्तार नई ऊंचाइयों पर पहुँच रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रिठाला-कुंडली-नाथूपुर मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। इस फैसले से दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आने-जाने की सुविधा बढ़ेगी।
यह कॉरिडोर 26.463 किलोमीटर लंबा होगा और 6230 करोड़ रुपये की लागत से चार वर्षों में बनकर तैयार होगा। यह मार्ग दिल्ली के रिठाला से शुरू होकर बवाना और नरेला होते हुए हरियाणा के कुंडली स्थित नाथूपुर तक जाएगा। इस नए कॉरिडोर के बनने से एनसीआर के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि इससे सीधी मेट्रो सेवा उपलब्ध होगी।
रेड लाइन की विस्तार परियोजना के तौर पर प्रस्तुत यह कॉरिडोर मेट्रो के नेटवर्क को तीन राज्यों—दिल्ली, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश—से सीधे जोड़ने वाला होगा। यह कॉरिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होगा और इसमें कुल 21 मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनमें से 19 दिल्ली में और 2 हरियाणा में स्थित होंगे।
फेज चार की योजना के तहत दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) इस कॉरिडोर का निर्माण करेगा। वर्तमान में डीएमआरसी फेज चार में 65.202 किलोमीटर लंबाई के तीन अन्य कॉरिडोर भी बना रहा है, जिनमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर, मौजपुर-मजलिस पार्क और तुगलकाबाद-एरोसिटी कारिडोर शामिल हैं। इन तीनों पर कुल 45 मेट्रो स्टेशन होंगे और अब तक इनका 56 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
रिठाला-कुंडली-नाथूपुर मेट्रो लाइन फेज चार का छठा कॉरिडोर है। दिल्ली में इसका 23.737 किलोमीटर हिस्सा होगा और बाकि का हिस्सा हरियाणा में। इस कॉरिडोर के बनने से विशेष रूप से रोहिणी, बवाना, और उप नगरी नरेला में आवागमन की सुविधा में सुधार होगा और इन क्षेत्रों के विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
इस परियोजना के पूरी होने पर एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क 504 किलोमीटर लंबा हो जाएगा, जिससे मेट्रो की कनेक्टिविटी और भी अधिक प्रभावी बनेगी। वर्तमान में, दिल्ली में मेट्रो का नेटवर्क 392 किलोमीटर का है, जिसमें 288 मेट्रो स्टेशन शामिल हैं, और प्रतिदिन लाखों लोग इस सुविधा का लाभ उठाते हैं।