अभी देश के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मियों के मौसम में इलेक्ट्रिक उपकरणों जैसे AC, पंखे, कूलर का काफी इस्तेमाल होता है। वहीं गर्मियों के मौसम में शॉर्ट सर्किट के मामले भी बढ़ जाते हैं।
शॉर्ट सर्किट होने से घरों में आग लगने की संभावना रहती है। गर्मी के मौसम में जब तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच जाता है तो AC, पंखे, कूलर 18 से 20 घंटे तक चलते हैं। ऐसे में इनके शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बढ़ जाती है। ये खतरनाक हो सकता है। ऐसे में गर्मियों के मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शॉर्ट सर्किट से आग का खतरा
बता दें कि इलेक्ट्रिक उपकरण में शॉर्ट सर्किट होने से आग भी लग सकती है। वहीं शॉर्ट सर्किंट से लगने वाली आग खतरनाक हो सकती है। कई बार घरों में अचानक से अधिक वॉल्यूम में इलेक्ट्रिसिटी दौड़ने लगती है। यह वायरिंग के जरिए एक साथ पूरे घर में फैल सकती है। जब तक लोग कुछ समझ पाते हैं तब तक यह सब कुछ अपनी चपेट में ले लेता है। इससे बाहर निकलने का काफी कम समय बचता है।
इन वजहों से हो सकता है AC में शॉर्ट सर्किट
AC में शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है। इलेक्ट्रिशियंस का कहना है समय पर AC की सर्विसिंग नहीं की जाती। जब गर्मी के दिन आते हैं तो लोग खुद ही फिल्टर की सफाई कर लेते हैं। उन्हें लगता है कि इससे AC की सर्विस हो गई, जबकि पुराने AC को सर्विस चाहिए। AC के रेफ्रिजरेंट को भरने और फिल्टर की सफाई इसमें शामिल है। कई जगहों पर खुले नाले होने से अमोनिया गैस बनती है। ये अमोनिया गैस AC में लगे कॉपर को धीरे-धीरे नष्ट करता है। इससे रेफ्रिजरेंट में लीकेज होता है। इन गलतियों की वजह से AC में आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
Reasons of short circuit in AC and Cooler ऑफ रहने पर भी हो सकता है शॉर्ट सर्किट
अगर आप सोचते हैं कि फ्रिज, कूलर, AC या दूसरे इलेक्ट्रानिक उपकरणों को स्विच ऑफ कर दिया और कोई खतरा नहीं है। ऐसा नहीं है ऑफ रहने पर भी इनमें शॉर्ट सर्किट हो सकता है। यदि इन उपकरणों के प्लग बोर्ड में लगे हुए हैं तब भी यह बिजली खपत करता है। बिजली के फ्लक्चुएट करने पर इनमें आग लगने की आशंका बनी रहती है।
बिना सर्विसिंग के पंखे, कूलर चलाना खतरनाक
कूलर सर्दियों में और बारिश के मौसम में आमतौर पर बंद रहते हैं। जब गर्मियों के दिन आते हैं तो कई बार लोग बिना सर्विसिंग कराए ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। इन मशीनों में ल्यूब्रि सूखकेंट्स जाते हैं। जब ये इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से जुड़ते हैं तो घर्षण शुरू होता है। नतीजा आग लगने की आशंका बढ़ जाती है।
बिजली के बोर्ड और प्लग
आजकल कई कंपनियां हाई क्वालिटी के बिजली के बोर्ड, प्लग, स्विच आदि बनाती हैं। वहीं कई लोग पैसे बचाने के चक्कर में घटिया क्वालिटी के वायर, बोर्ड, प्लग आदि लगा लेते हैं। ये अधिक देर तक नहीं चल पाते और न ही अधिक लोड उठा पाते हैं। इनसे भी घर में शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बढ़ जाती है।
आग से सुरक्षा के लिए विशेष केमिकल की कोटिंग
घरों में रखे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विशेष केमिकल का कोट लगा होता है। दरअसल, टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, CCTV आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बाहरी और भीतरी सतहों पर स्पेशल केमिकल चढ़ाया जाता है, ताकि ये आग से कुछ हद तक सुरक्षित रह सकें। वैज्ञानिकों के अनुसार, पॉलिब्रोमिनेटेड डाइफिनाइल् इथर्स (PBDE), TRIAZINE का इस्तेमाल इन उपकरणों को फायर सेफ्टी बनाने में किया जाता है। ऐसे में ध्यान रखें कि आपके इलेक्ट्रिक उपकरणों में भी इन विशेष केमिकल की कोटिंग हो।
घरों में अर्थिंग भी जरूरी
अर्थिंग से इलेकट्रॉनिक उपकरणों की सुरक्षा हो पाती है। यह ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें किसी उपकरण के नॉन करंट वाले धातु भागों को एक लो रेसिसटेंस कंडक्टर के द्वारा अर्थ के साथ जोड़ते हैं। अगर घरों में अर्थिंग नहीं की गई तो तेज करंट आने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जलने का खतरा रहता है।