एक नजर पूरी खबर

  • सऊदी पर मंडराया आर्थिक संकट का साया
  • तेल की घटती मांग ने बिगड़ा आर्थिक खेल
  • लोगों पर मंडराया बेरौजगारी का साया

कोरोना काल में हर देश का आर्थिक अंकगणित बिगड़ रहा है। ऐसे हालातों के चलते सभी देश इन दिनों भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। जहां एक ओर अब तक किसी भी देश को कोरोना महामारी से निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है, तो वहीं इस महामारी के चलते पसरे आर्थिक संकट का दायरा भी हर दिन लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा सऊदी अरब का है, जहां आर्थिक संकट के दायरे से सरकार की परेशानी बढ़ा दी है।

सऊदी पर मंडराया आर्थिक सकंट का खतरा

गौरतलब है कि सऊदी अरब के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में सऊदी अरब को 29.12 अरब डॉलर का घाटा हुआ है क्योंकि तेल की गिरती क़ीमतों ने राजस्व को प्रभावित किया है। दरअसल कोरोना वायरस की महामारी के कारण दुनिया भर में तेल की मांग कम हुई और इससे क़ीमतों में भारी गिरावट आई है, इससे जिन देशों की अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर है वो बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।

बता दे दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक सऊदी अरब में दूसरी तिमाही में तेल की बिक्री से आने वाले राजस्व में 45 फ़ीसद की कमी देखी गई। ये आमदनी घटकर 25.5 अरब डॉलर हो गई, जबकि कुल राजस्व में 49 फ़ीसद की कमी देखी गई जो कि घटकर 36 अरब डॉलर हो गई। वहीं दूसरी तिमाही में कुल ख़र्च 17 फ़ीसद कम हुआ जो कि घटकर 65 अरब डॉलर हो गया।

ऐसे हालातों में हर दिन तेल की घटती मांग के चलते सऊदी पर मंडराता आर्थिक संकट का खतरा गहराता जा रहा है। ऐसे में लोगों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। बता दे आर्थिक संकट के कारण पहले से सऊदी में लोगों की नौकरिया जा रही है।GulfHindi.com

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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