कर्नाटक के परिवहन मंत्री बी. श्रीरामुलु ने बीते शनिवार को ओला, उबर के वाहनों को जब्त करने के आदेश जारी किए हैं। जी हाँ और यह आदेश बेंगलुरु में अधिकारियों को चुनौती दे रहे हैं।
जी दरअसल श्रीरामुलु ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘परिवहन विभाग द्वारा सेवाएं बंद करने के आदेश के बावजूद कैब एग्रीगेटर सक्रिय हैं।’ इसी के साथ उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को ओला और उबर कैब को जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए टीम भेज दी गई है।’
लोगों को ठग नही सकते हैं आप
आगे उन्होंने बताया कि न्यूनतम किराया नियम के उल्लंघन के कारण दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि आगे की कार्रवाई एक या दो दिनों में तय की जाएगी। मुझे हर साल कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं। मैं ग्राहकों को सेवा और आराम देने वाला हूँ। इसमें कुछ तकनीकी मुद्दे भी शामिल हैं। इसके अलावा मंत्री ने कहा, ‘लाइसेंस जारी करते समय शर्ते निर्धारित की गई हैं। शर्ते उल्लंघन करने के लिए नहीं है। शिकायतों पर विभाग ने उन्हें नोटिस जारी किया और जवाब मांगा। जवाब आने के बाद निर्णय लिया जाएगा।’
क़ानूनी कार्यवाई की तैयारी
हालांकि, परिवहन विभाग के सूत्रों ने कहा कि कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकी, क्योंकि कर्नाटक हाई कोर्ट में एक मामला लंबित है। जी दरअसल कर्नाटक परिवहन विभाग ने बीते शुक्रवार को ऐप आधारित एग्रीगेटर्स ओला, उबर, रैपिडो को अपनी ऑटो सेवाओं को तुरंत बंद करने के लिए नोटिस जारी किया था और उन्हें ग्राहकों पर लगाए गए अत्यधिक शुल्क पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। वहीं अब परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया और आदेश का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
100 रुपए न्यूनतम किराया वसूल रहे हैं OLA, UBER
आपको बता दें कि राज्य परिवहन विभाग के आयुक्त टीएचएम कुमार ने कहा था कि उन्हें दो से तीन दिनों से बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। विशेष रूप से कैब एग्रीगेटर्स पर ऑटो सेवाओं के लिए दोगुनी राशि वसूलने की शिकायतें की गईं। ऐसे में उन्हें नोटिस जारी कर आरोपों पर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। इस मामले में सूत्रों ने बताया कि ऑटो का न्यूनतम किराया 30 रुपये और 5 मिनट के लिए 5 रुपये का वेटिंग चार्ज आधिकारिक तौर पर तय किया गया है। लेकिन, कैब एग्रीगेटर कथित तौर पर न्यूनतम किराया 100 रुपये वसूल रहे हैं। लोगों के एक बड़े वर्ग ने इसके खिलाफ शिकायतें की हैं।