भारत में अभी कच्चे तेल को सबसे कम कीमत पर खरीदा जा रहा है. मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत भारत में किए जा रहे आयात के अनुसार सबसे निचले स्तर पर हैं. भारत इस समय सबसे ज्यादा तेल का आयात रूस से कर रहा है.
अरब देशों को भी किया पीछे.
भारत में आने वाला क्रूड ऑयल मुख्य रूप से पहले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से आता था. Opec+ देशों से आने वाले तेल अब निचले स्तर पर पहुंच चुका है. भारत इस समय अपने कुल आयात का 42% हिस्सा रूस से मंगा रहा है.
आपको बताते चलें कि यूक्रेन युद्ध से पहले यह प्रतिशत 1% से भी कम था, मतलब पहले केवल नाम मात्र के लिए तेल ही रूस से भारत आता था लेकिन अभी एकदम सस्ता तेल भारी मात्रा में भारत रूस से पहुंच रहा है.
ओपेक देशों से आने वाले तेल की हिस्सेदारी मई महीने में सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच चुकी है. मई महीने में यह प्रतिशत महज 39% पर आ चुका है जो कि पहले 90% तक होता था.
अगर फायदा मिले तो देश में सीधे आधे हो जाएंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतें.
आप यह समझिए कि जो मौजूदा तेल की कीमतें हैं वह तब तय की गई थी जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत $120 प्रति बैरल पर थी. रूस के तेल और बाहर से आयात किए जा रहे तेल के कीमतों को सामंजस्य में लाया जाए तो लगभग $60 प्रति बैरल की कीमतें आएंगी.
इसका कारण है कि जहां विदेशी क्रूड ऑयल $75 प्रति बैरल के आसपास खरीद की जा रही है तो वहीं रूस से यह तेल महज $50 प्रति बैरल के आसपास के दामों पर खरीदारी की जा रही है.
अगर मिल जाए यह फायदा आम लोगों को तो आसानी से मौजूदा ₹100 प्रति लीटर पेट्रोल ₹50 प्रति लीटर पेट्रोल किया जा सकता है और वही डीजल ₹45 तक पहुंच सकता है.