दस दस घंटे तक की बिजली सप्लाई ठप
आपने गौर किया होगा कि बिहार के कई जिलों में दस दस घंटे तक की बिजली सप्लाई उपलब्ध नहीं हो पा रही है। खासकर उत्तरी इलाके में यह समय आम हो चली है।
इधर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से निजात पाने की पूरी कोशिश कर रही है। किसी भी हालत में जनता को राहत दी जाएगी।
क्यों आ रही यह दिक्कत?
अधिकारियों की मानें तो बिहार को 6,500megawatt electricity की जरूरत होती है लेकिन अभी राज्य सरकार मात्र 4,700 megawatt बिजली की सुविधा दे पा रही है।
किसका कितना है योगदान?
केंद्र सरकार 3,200 megawatt बिजली सप्लाई उपलब्ध करा रही है। वहीं राज्य सरकार खुले बाजार से बाकी का 1,500 megawatt बिजली 20 रुपए पर यूनिट के हिसाब से खरीदकर उपलब्ध करा रही है।
संघीय सरकार ने 20 प्रतिशत तक की पावर सप्लाई को कम कर दिया है, जिसके बाद बिहार के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कहां कितना कम हुआ है पावर सप्लाई ?
सहरसा को सामान्यत 50 megawatt बिजली सप्लाई की जाती है, जिसे अब घटाकर 35 मेगावाट कर दिया गया है। किशनगंज को सामान्यत 60 megawatt बिजली सप्लाई की जाती है, जिसे अब घटाकर मात्र 20 मेगावाट कर दिया गया है। कटिहार को सामान्यत 90 megawatt बिजली सप्लाई की जाती है, जिसे अब घटाकर 75 मेगावाट कर दिया गया है।
वहीं खगड़िया को भी सामान्यत 40 megawatt बिजली सप्लाई की जाती है, जिसे अब घटाकर 15 मेगावाट कर दिया गया है। इसके अलावा Banka, Bhojpur, Aurangabad, Buxar, Saran, Gopalganj, Jahanabad, Gaya और Arwal में भी बिजली सप्लाई 20 से 30 फीसदी तक काटी जा रही है।
कब मिलेगा निजात?
केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस समस्या से 1 महीने के अंदर छुटकारा मिल जाएगी। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से निजात पाने की पूरी कोशिश कर रही है। किसी भी हालत में जनता को राहत दी जाएगी।