नई दिल्ली की विशेष रिपोर्ट से ये खबर आई है कि केंद्र सरकार निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लाने की तैयारी में है। वर्तमान में चर्चा का विषय यह है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के मासिक और मूल वेतन की सीमा को बढ़ाया जाए।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय इस दिशा में गहन विचार-विमर्श कर रहा है। हाल ही में हुए ईपीएफओ न्यासी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। अधिकांश सदस्यों का मानना है कि वेतन सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इसका सीधा लाभ कर्मचारियों को मिल सके। हालांकि अंतिम निर्णय लेना अभी बाकी है।
वर्तमान में ईपीएफओ की न्यूनतम मूल वेतन सीमा 15 हजार रुपये है। इस रकम पर पीएफ खाते के लिए कर्मचारी के वेतन से 12 प्रतिशत अंशदान काटा जाता है। नियोक्ता भी इसी अनुपात में योगदान देता है जिसमें से 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में जाता है। पिछली बार 2014 में इस वेतन सीमा को 6,500 रुपये से 15 हजार रुपये तक बढ़ाया गया था।
इस बार सरकार ने 25 हजार रुपये या उससे अधिक की न्यूनतम मूल वेतन सीमा निर्धारित करने की संभावना जताई है। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए अधिक फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इससे उनके पीएफ खाते में अधिक अंशदान जमा होगा और भविष्य में सेवानिवृत्ति पर उन्हें अधिक पेंशन प्राप्त हो सकेगी।
महंगाई और खर्चों में वृद्धि के चलते इस परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि कर्मचारियों को बेहतर भविष्यवाणी मिल सके। ये देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कब तक इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेगी जिससे करोड़ों कर्मचारियों को सीधा लाभ पहुँच सकेगा।