650 से ज्यादा प्रदूषण प्रमाणपत्र केंद्र संचालक सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इनकी प्रमुख मांग है कि प्रदूषण प्रमाणपत्रों के शुल्क में बढ़ोतरी की जाए। सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
हड़ताल का असर
सोमवार को दिल्ली में तकरीबन 18,000 वाहन चालकों को प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं मिल सका। दिल्ली पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अनुसार, जब तक सरकार पूर्व में दिए गए आश्वासन के अनुरूप शुल्क में बढ़ोतरी नहीं करेगी, हड़ताल जारी रहेगी।
11 साल से शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं
एसोसिएशन के महासचिव बिबेक बनर्जी ने जानकारी दी कि पिछले 11 सालों से प्रदूषण प्रमाणपत्र शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। अब, वाहन चालकों के लिए साल में चार बार की बजाय सिर्फ एक बार प्रमाणपत्र बनवाने की आवश्यकता होने की वजह से संचालकों की आमदनी 75 फीसदी घट गई है।
अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया
प्रदूषण प्रमाणपत्र केंद्र संचालकों ने इस समस्या से दिल्ली के परिवहन मंत्री और विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया था। कई दौर की वार्ता के बावजूद, परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने 75 फीसदी बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में यह आश्वासन भी पूरा नहीं हुआ।
रोजाना 18-19 हजार प्रमाणपत्र जारी
दिल्ली में औसतन रोजाना 18-19 हजार प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं। हड़ताल के पहले दिन सोमवार को सभी केंद्र बंद रहे, जिससे हजारों वाहन चालकों को असुविधा का सामना करना पड़ा।