आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने RTGS और NEFT सिस्टम में “नाम जांचने की सुविधा” लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसका मतलब है कि अब आप पैसा भेजने से पहले यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि जिसे पैसा भेज रहे हैं, वह सही व्यक्ति है।
क्यों जरूरी है ये सुविधा?
अकसर ऐसा होता है कि लोग गलती से गलत अकाउंट में पैसा भेज देते हैं। इस नई सुविधा से यह समस्या कम होगी और पैसों का गलत ट्रांसफर रुक सकेगा। पहले यह सुविधा केवल UPI और IMPS में उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे RTGS और NEFT में भी लाने की तैयारी हो रही है।
सुविधा कैसे काम करेगी?
- पैसा भेजने वाले (remitter) को बेनिफिशियरी का अकाउंट नंबर और IFSC कोड डालना होगा।
- इसके बाद बैंक की कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से बेनिफिशियरी का नाम दिखाया जाएगा।
- नाम देखने के बाद ही आप ट्रांजेक्शन पूरा कर पाएंगे।
कब तक होगी यह सुविधा उपलब्ध?
आरबीआई ने सभी बैंकों को यह सेवा 1 अप्रैल 2025 तक लागू करने को कहा है।
क्या इसके लिए कोई शुल्क लगेगा?
यह सेवा ग्राहकों को बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी।