देश में लागू किए गए समय दर समय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेपो रेट के वजह से खुदरा महंगाई दर काबू में आई है. अब होने वाले अगले मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लोगों के लिए अहम फैसला ले सकता है जिसके वजह से लोगों को बैंकों से लोन लेने और बैंकों में फिक्स डिपाजिट कराने में बदलाव आ सकता है.
मौजूदा समय मिल रहा है सुपर डुपर ब्याज.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा बढ़ाए गए रिपोर्ट के वजह से अधिकांश बड़े बैंकों में सुपर सीनियर सिटीजन को 8% तक का ब्याज मिल रहा है तो वहीं सीनियर सिटीजन को 7.75% तक का ब्याज मिल रहा है और सामान्य नागरिकों को आसानी से 7.25% से लेकर 7.5% तक का ब्याज मिल रहा है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करने जा रहा है अगला मॉनेटरी पॉलिसी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपना अगला मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी का बैठक 6 जून से 8 जून के बीच करने वाला है. इस नए बैठक में चल रहे मौजूदा ब्याज दरों पर पुनः निर्धारण किए जा सकते हैं वही बैंकों के लिए उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए नए नीतियों की भी घोषणा की जा सकती है.
घट जाएगा ब्याज दर!
मौजूदा विकास दर और महंगाई दर के तालमेल को देखें तो विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लंबे समय से लगातार बढ़ाए जा रहे ब्याज दरों को विराम दे सकता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में बयान देने के साथ ही दरों में कटौती का भी ऐलान कर सकता है.
अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐसा करता है तो ?
फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती संभव हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो लोगों को मिलने वाला ब्याज कम होगा लेकिन शेयर बाजार में इसके विपरीत तेजी देखी जा सकती है.
लोन पर ब्याज दरों में कटौती के साथ ही लोगों का लोन के तरफ रुझान बढ़ेगा और साथ ही साथ व्यवसाय क्षेत्र में नई गति देखने को मिल सकती है और फल स्वरुप फिर से इसका असर शेयर बाजार में तेजी के रूप में देखा जा सकता है.