देश में जारी महंगाई के ऊपर अब तक कोई बड़ा राहत हासिल नहीं हुआ है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पिछले कई रेपो रेट के मीटिंग में दरों को बढ़ाया है जिसके वजह से पूरे देश भर में फिक्स डिपॉजिट की तरह बढ़ी हैं वही लोन लेने वाले लोगों के लिए कर्ज की ब्याज दरें भी बढ़ गई हैं.
भारत में फिर से रेपो रेट के ऊपर में बैठक शुरू होने वाला है और यह बैठक अप्रैल महीने के 3 तारीख से लेकर 6 तारीख के बीच में होगी. इस बैठक के उपरांत ऐलान किए जा सकते हैं जिसके तहत फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं तो वही लोन लेने वाले लोगों के लिए मुश्किलें भी और बढ़ सकती हैं.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए अगले वित्त वर्ष में छह बैठकें होंगी। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ब्याज दर तय करने वाली समिति की अगले वित्त वर्ष की पहली बैठक तीन से छह अप्रैल को होगी। यह समीक्षा बैठक तीन दिन की होती है।
अगर पड़ता है रेपो रेट तो इन लोगों की होगी बल्ले बल्ले.
अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो उस क्रम में तुरंत फिक्स डिपॉजिट ब्याज दरें और बढ़ सकती हैं जिसके वजह से बैंकों में निवेश के तौर पर डिपॉजिट करने वाले निवेशकों को मौजूदा ब्याज से ज्यादा ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा. अभी के वक्त में सामान्य निवेशकों को 7.5% के ब्याज दर आसानी से किसी भी बैंक में उपलब्ध हैं तो वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 8% तक का ब्याज दर आसानी से हर बैंक में उपलब्ध है.
अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो यह संभव है कि सामान्य निवेशकों को भी 8% तक का ब्याज दर आसानी से सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंकों में भी मिलने शुरू हो जाए वही वरिष्ठ नागरिकों को या ब्याज दरें 8.5% तक लेकर जा सकती हैं.