RBI ने अपने मॉनिटरी पॉलिसी कंट्रोल बैठक में आज ऐलान कर दिया है कि वह रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी कर रहा है. नए फैसले का असर भारत के सारे लोगों पर पड़ेगा जो लोग बैंक में या तो पैसा रखते हैं या बैंक से लोन लेते हैं. बड़े हुए रेपो रेट के साथ ही फिक्स डिपाजिट और अन्य खातों पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी.
बढ़ेगा FD ब्याज दर.
अगर आप बैंक खातों में रखे पैसे को फिक्स डिपाजिट करते हैं तो आपको बड़े हुए रेपो रेट का फायदा बैंकों के तरफ से जल्द ही मिलना शुरू हो जाएगा. अब तक आप जितना भी ब्याज बैंक से पा रहे होंगे उससे ज्यादा ब्याज अब आपको फिक्स्ड डिपॉजिट पर और मिलेगा.
मौजूदा समय में सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंक 7% से लेकर 7.5% तक का ब्याज मुहैया करा रहे हैं. वहीं नए प्राइवेट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक 8.5% तक का ब्याज लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं.
नया ब्याज दर होगा और शानदार.
फिक्स डिपॉजिट करने वाले के लिए नए बयान तरफ सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंक में सामान्य तौर पर 8% तक हो सकते हैं. वहीं आए प्राइवेट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक इत्यादि में सामान्य ग्राहकों को 9% तक का ब्याज मिल सकता है. आपको बताते चलें कि वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में थोड़ा सा और ज्यादा बढ़ा हुआ इंटरेस्ट रेट मिलता है.
लोन हो गया महंगा.
जहां एक और फिक्स डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज दरें मिलेंगे वहीं दूसरी ओर लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए लोन लेना और महंगा हो जाएगा. घर, गाड़ी या अन्य किसी प्रकार की लोन पर दिए जाने वाले EMI में इजाफा होगा.
और नहीं बढ़ेगा फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आखरी मौका ही शायद होगा जब इतने बढ़िया फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरें उपलब्ध होंगी. कोशिश किए जा रहे दिशा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सफल रहा है और महंगाई काफी कंट्रोल हुई है अतः आगे रेपो रेट में और बढ़ोतरी की संभावना ना के बराबर है.
महेंद्र जाजू, सीआईओ, फिक्स्ड इनकम ने कहा.
आरबीआई ने रेपो दर को 25 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया, जैसा कि बाजार का पहले से अनुमान था। निकट अवधि में महंगाई के अनुमान में मामूली कमी आई है और FY24 के लिए महंगाई दर का अनुमान अभी भी 5 फीसदी से ऊपर बना हुआ है। रिजर्व बैंक द्वारा गाइडेंस को लेकर लगातार सतर्कता और सावधानी बरती जा रही है। ग्रोथ को लेकर अनुमान में मामूली सुधार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छा संकेत दे रहा है।
मौजूदा समय में जबकि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, आने वाले आंकड़े अगले कुछ महीनों में महंगाई में और कमी आने का संकेत दे रहे हैं। इसलिए, बाजार को उम्मीद है कि अगली मौद्रिक नीति के बाद से नीतिगत दरें स्थिर रहेंगी।
हालांकि आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड में 3-4 बीएलएस की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि फिलहाल वे 7.20-7.40 के मौजूदा बैंड में रेंज बाउंड रहेंगे। नीतिगत दरों में एडजस्टमेंट यानी के अनुरूप शॉर्ट टर्म दरों के ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना है।