भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को आदेश दिया है कि वे स्वर्ण ऋण वितरित करते समय 20,000 रुपये से अधिक का नकद ऋण न दें। यह निर्णय आयकर कानूनों के तहत लिया गया है जिससे काले धन पर नियंत्रण और पारदर्शिता बढ़ाने की उम्मीद है।

**नकद ऋण सीमा में बदलाव:**

RBI की इस सलाह ने पहले से निर्धारित नकद ऋण देने की सीमा को दोहराया है। मणप्पुरम फाइनेंस के CEO वीपी नंदकुमार के अनुसार, इस निर्देश से उनके व्यवसाय पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके अधिकांश ऋण ऑनलाइन वितरित किए जाते हैं और ग्राहक भी शाखाओं के माध्यम से प्राप्त ऋण के लिए सीधे हस्तांतरण पसंद करते हैं।

**पारदर्शिता को बढ़ावा:**

इंडेल मनी के CEO उमेश मोहनन का कहना है कि यह निर्देश पारदर्शिता और अनुपालन में मदद करेगा लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उन लोगों पर प्रभाव डाल सकता है जो औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं। उनके अनुसार, यह निर्देश उन लोगों को भी प्रभावित कर सकता है जो आपातकालीन स्थितियों में स्वर्ण ऋण लेने के लिए आश्रित हैं, जिससे वित्तीय पहुँच सीमित हो जाएगी।

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