भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक ओपन-सोर्स क्रेडिट डिस्बर्सल प्लेटफॉर्म को व्यापक रूप से अपनाने पर जोर दे रहा है। यह प्लेटफॉर्म, डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई (UPI) के समान होगा और किसानों और छोटे व्यवसायों के मालिकों के लिए ऋण प्राप्त करना आसान बनाएगा।
मौजूदा समस्या:
- अभी उपभोक्ता ऋण (consumer loans) को डिजिटल इंटरफ़ेस के माध्यम से लेना आम हो गया है।
- लेकिन किसानों और छोटे व्यवसाय चलाने वाले लोगों को कृषि ऋण (agricultural loans) और किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए अभी भी बैंक और भूमि रिकॉर्ड विभाग में लंबी लाइन लगानी पड़ती है।
समाधान: PTPFC
- RBI का पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फाइनेंशियल क्रेडिट (PTPFC) इस समस्या को दूर करेगा।
- ऋणदाता (Lenders) और स्टार्टअप औपचारिक ऋण (formal credit) की बढ़ती आवश्यकता पूरी करने के लिए इस मंच का लाभ उठा सकते हैं।
- यह प्लेटफ़ॉर्म कृषि ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड, छोटे एमएसएमई ऋण (MSME loans) और अन्य उत्पादों के लिए पहले से ही उपयोग हो रहा है।
RBI की अगुवाई: यह कार्यक्रम केंद्रीय बैंक के फिनटेक विभाग के साथ मिलकर RBI इनोवेशन हब द्वारा किया जा रहा है।
PTPFC कैसे काम करता है:
- टेक्नोलॉजी कंपनियां PTPFC से जुड़ सकती हैं और बैंकों (जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक) के साथ संपर्क बना सकती हैं।
- स्टार्टअप्स ऐसे ऐप बना सकते हैं जिनके माध्यम से उपभोक्ता डिजिटल रूप से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। (UPI की तरह)
- चूंकि कई राज्यों ने भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है, इसलिए ऋण के लिए जमीन का सत्यापन डिजिटल रूप से संभव है। आधार और डिजिलॉकर का उपयोग आवेदक की साख की जांच के लिए किया जा सकता है।
- डिजिटल प्रोसेसिंग के कारण कागजी कार्रवाई कम होती है और करोड़ों पीएम किसान लाभार्थी आसानी से डिजिटल रूप से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
लाभ:
- किसान और छोटे व्यवसाय अपनी जरूरत का लोन आसानी से, पारदर्शी तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।
- ब्याज दरों में कमी का अनुमान ।
यह RBI की बड़ी पहल का हिस्सा है
PTPFC बड़े ओपन बैंकिंग इकोसिस्टम का हिस्सा है जिसे RBI बनाने की कोशिश कर रहा है। इंडियास्टैक, ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स), OCEN (ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क) और NBFC-अकाउंट एग्रीगेटर्स जैसे प्लेटफॉर्म इस प्रयास में मदद करेंगे।