भारतीय कॉर्पोरेट जगत में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने विश्व-प्रसिद्ध मनोरंजन कंपनी वाल्ट डिज्नी के भारतीय कारोबार के विलय के लिए उसके साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता पिछले हफ्ते लंदन में संपन्न हुआ।
इस बड़े सौदे के तहत, वाल्ट डिज्नी के भारतीय कारोबार का 51 प्रतिशत हिस्सा नकद भुगतान के रूप में और शेष 49 प्रतिशत शेयर हस्तांतरण के रूप में रिलायंस के हाथों में आएगा। इस समझौते पर रिलायंस और वाल्ट डिज्नी के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से परहेज किया है।
अगर यह समझौता सफलतापूर्वक संपन्न होता है, तो यह भारत के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एक बड़े विलय का संकेत होगा। इस सौदे के तहत रिलायंस के पास वायकॉम 18 और जियो सिनेमा जैसी अन्य मीडिया संपत्तियां भी आएंगी।
इस सौदे की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि भारत में एक नई मीडिया दिग्गज कंपनी का जन्म होगा, जिसका मूल्य लगभग 10 अरब डॉलर होगा। इस कंपनी के पास 100 से अधिक चैनल और दो प्रमुख ओटीटी मंच होंगे। डिज्नी-स्टार इंडिया का विशाल नेटवर्क और आठ भाषाओं में प्रसारित होने वाले 70 टीवी चैनलों के साथ-साथ ओटीटी मंच डिज्नी प्लस हॉटस्टार भी इसमें शामिल होंगे।
सौदे के मुख्य बिंदु
- रिलायंस और वाल्ट डिज्नी का गैर-बाध्यकारी समझौता।
- सौदे के तहत 51% नकद भुगतान और 49% शेयर हस्तांतरण।
- भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में बड़ा विलय।
- करीब 10 अरब डॉलर मूल्य की नई मीडिया कंपनी का निर्माण।
- 100 से अधिक चैनल और दो अग्रणी ओटीटी मंच।
इस सौदे का भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे न केवल नई कंपनी को बल्कि उपभोक्ताओं को भी अधिक विकल्प और बेहतर सेवाएं मिलेंगी। यह सौदा भारतीय मीडिया उद्योग के लिए एक नया आयाम स्थापित करेगा।