भारत में किसान आंदोलन अपने चरम पर है लेकिन उसमें तरह-तरह के भड़काने वाले एंगल देने के लिए और उस पर एग्रेसिव कवरेज करने के लिए भारतीय मीडिया का स्टंट दुनिया के सामने आसानी से देखा जा सकता है.
स्थानीय लोगों के द्वारा दिए गए रिपोर्ट में जिसको बीबीसी ने जारी किया था मैं दावा किया गया है कि आंदोलन को उग्र बनाने के लिए या रास्ते से भटका कर पूरे मुद्दे को खत्म करने के लिए पार्टी समर्थित दो आंदोलनकारी के रूप में घुसे हैं और इस पूरे आंदोलन की छवि और रुख खराब करने की कोशिश की है.
भारत के भाजपा पार्टी से संबंध रखने वाले संबित पात्रा ने इस पूरे मुद्दे पर फेक या जिसे आप आम भाषा में फर्जी कहते हैं वह वीडियो अपने टि्वटर अकाउंट से ट्वीट किया है और और खूब ग्रामेटिक तरीके से दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को यह कहते हुए दिखाया है कि वह किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
ये फ़र्ज़ी विडीओ हैं जिसे संबित पात्रा ने शेयर किया हैं.
https://twitter.com/sambitswaraj/status/1355477133355835394?s=20
राजनीति में उठापटक करने के लिए भाजपा से संबंध रखने वाले संबित पात्रा का यह बयान कितना घिनौना है इसका अंदाजा आप इस से ही लगा सकते हैं कि भारत में जहां इतने बड़े स्तर पर एक किसान आंदोलन चल रहा है और जिस पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है वहां पर आंदोलन को अलग रूप देने के लिए किस प्रकार का वीडियो और अन्य ट्विटर हैंडल के जरिए ट्रेंड सेट किए जा रहे हैं.
असल विडीओ ये हैं.
#FactCheck– Clipped video ig Arvind Kejriwal's statement on Farm Bill 2020 goes viral ✅@ArvindKejriwal @AamAadmiParty @AAPDelhi #FarmerProtest #FakeNews #FarmBills2020 #ArvindKejriwal
WhatsApp number- 9049053770 pic.twitter.com/P7nVuXVB6U
— Fact Crescendo (@FactCrescendo) January 30, 2021
अगर अरब हुआ होता ये तो क्या ?
अगर यही कार्य संयुक्त अरब अमीरात या सऊदी अरब में हुआ होता तो वहां पर लागू हुए स्थानीय और फेडरल कानून के अंतर्गत कम से कम 10 साल की सजा और 1000000 दिरहम तक का जुर्माना लग गया होता. क्योंकि यह बड़े पैमाने पर मास को एड्रेस करने की कोशिश की गई है तो आजीवन कारावास भी फेडरल कानून के अंतर्गत हो सकता था.
भारत में इंटरनेट पर स्पेन या गलत संदेश प्रेषित करने पर कानून तो है लेकिन अब तक किसी भी राजनेता पर या नेताओं पर बड़ी कार्यवाही देखने को नहीं मिली है ऐसा लगता है भारत में कि इंटरनेट पर आप कुछ भी प्रसारित जब चाहे तब कर सकते हैं और आप सोशल मीडिया के जरिए एक खास किस्म के गुंडे बना सकते हैं जो कभी भी जरूरत पड़ने पर कुछ भी कर सकते हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं.
अगर भारत में इंटरनेट क्राइम को लेकर कोई सजगता है या कोई सशक्त कानून है या ऐसी कोई गवर्निंग बॉडी है जो इसके ऊपर सख्त तरीके से एक्शन लेती हो तो यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा से संबंध रखने वाले संबित पात्रा पर क्या कार्यवाही होती है.