एक नजर पूरी खबर
- सऊदी में सख्त हुए अपराधियों के लिए कानून
- अटॉर्नी जनरल द्वारा दी गई वैकल्पिक दंड प्रणाली का किया स्वागत
- इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग सहित वैकल्पिक दंड को लेकर हुई चर्चा
किंगडम में कुछ अपराधों के दोषी व्यक्तियों के लिए सऊदी मानवाधिकार आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग सहित वैकल्पिक दंड को अपनाने के लिए अटॉर्नी जनरल द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वह आगामी समय में अपराध के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए कानूनी नियमों और दंडावली में बदलाव करने की दिशा में विचार कर रहे हैं।
इस दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ अवध बिन सालेह अल-अववाद ने कहा कि “हम आज अटॉर्नी जनरल के फैसले को जारी करने का स्वागत करते हैं, जिसने गिरफ्तारी की आवश्यकता वाले प्रमुख अपराधों को परिभाषित किया, और गिरफ्तारी करने के मामलों को भी सीमित कर दिया। साथ ही कड़े कानून को लागू करते हुए अपराधियों की संख्या को कम करने के मामले में भी अटॉर्नी जनरल के इस फैसले ने प्रशासन की खासा मदद की है।
वहीं इस फैसले पर किंगडम में न्यायपालिका और जेल प्रणाली ने कहा कि आयोग वैकल्पिक दंड की शुरूआत का पूरे विश्वास से समर्थन करता है “क्योंकि यह अपराधियों में सुधार के प्रभाव को बढायेगा, जिस पर सजा का विचार आधारित है, और दोषियों को फिर से संगठित करने और दुबारा जीवन शुरू करने के प्रयासों को मजबूत करने में मदद करता है।
अटॉर्नी जनरल के फैसले ने साफ कर दिया है कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को वैकल्पिक दंड उपलब्ध नहीं होगा। ये अगर इनमें से किसी भी मामले में दुबारा गिरफ्तार होते है, जैसे- निजी अधिकारों के मामलों में, या “सीमा अपराधों के मामले में दोषी पाए जाते है तो इन लोगों को 3 साल से अधिक जेल की सजा होगी।
बता दे 2011 में, आंतरिक मंत्रालय ने दोषियों के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली की शुरूआत की थी। इसके तहत कुछ मानवीय मामलों में, जैसे कि कैदी को बीमार रिश्तेदार को देखने या अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति देने के दौरान इस प्रणाली के तहत निगरानी में रखा जाता था, जिससे हर समय अपराधी पुलिस की निगरानी में होता था। ऐसे हालातों में अपराधी को छोड़ दिया जाता था, लेकिन पुलिस उस पर नजर बनाये रखती थी।GulfHindi.com