कामगारों के लिए जरूरी
सऊदी में अगर आप काम करना चाहते हैं तो वहां के कुछ जरूरी नियमों को जान लेना चाहिए। अगर बात एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट के टर्मिनेशन की है तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कामगारों के साथ साथ नियोक्ता के लिए इन सभी नियमों का पालन अनिवार्य है।
कई बार ऐसा देखा जाता है कि कामगार अपने नियोक्ता को छोड़कर भाग जाता है या नियोक्ता कामगार को गलत तरीके से नौकरी से निकाल देता है। सऊदी Ministry of Human Resources and Social Development के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही कामगारों की नियुक्ति और भर्ती प्रक्रिया होनी चाहिए।
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टर्मिनेशन के लिए इन सारे नियमों का पालन होना चाहिए
बताते चलें कि कामगार के टर्मिनेशन के लिए इन सारे नियमों के पालन जरूरी है। किसी भी कामगार का टर्मिनेशन तभी किया जा सकता है जब कॉन्ट्रैक्ट का समय समाप्त हो जाता है। इसके बाद अगर कामगार का रिटायरमेंट एज हो जाता है। प्रतिष्ठान जिसमें कामगार काम करता है वह पूरी तरह से बंद हो जाता है। उस काम की अब जरूरत नहीं है जो कामगार करता है। कामगार और नियोक्ता दोनों ही टर्मिनेशन की बात पर सहमति जताते हैं।