अंतरिक्ष से धरती पर जल्द ही फोन कॉल आने की तैयारी चल रही है। दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिका की एक कम्युनिकेशन कंपनी मिलकर ऐसा सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं, जिससे सीधे स्मार्टफोन से वॉयस कॉल करना संभव हो जाएगा। माना जा रहा है कि यह मिशन अगले साल फरवरी या मार्च में पूरा हो सकता है।
अमेरिकी कंपनी का सैटेलाइट, भारतीय रॉकेट से लॉन्च
अभी तक अमेरिका की यह कंपनी अपने कम्युनिकेशन सैटेलाइट दूसरे देशों के रॉकेट से लॉन्च करती रही है। लेकिन इस बार भारतीय रॉकेट के इस्तेमाल की बात सामने आ रही है। इससे अंतरिक्ष में इंटरनेट और वॉयस कॉल सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में नया मुकाम हासिल होने की उम्मीद है। लॉन्च के बाद यह सैटेलाइट धरती से हज़ारों किलोमीटर दूर रहकर सिग्नल प्रसारित करेगा, ताकि आम लोग सीधे अपने स्मार्टफोन से अंतरिक्ष के जरिए फोन कॉल कर सकें।
स्पेशल हैंडसेट या टर्मिनल की ज़रूरत?
अभी तक चर्चा थी कि अंतरिक्ष से इंटरनेट और वॉयस कॉल के लिए स्पेशल हैंडसेट या सैटेलाइट टर्मिनल रखना पड़ता है। हालांकि, इस मिशन में उम्मीद की जा रही है कि स्मार्टफोन पर ही सीधे कॉल संभव हो पाएगी। यानी, आम उपभोक्ता को अतिरिक्त उपकरण खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। हाल ही में कुछ मोबाइल कंपनियों ने सैटेलाइट कनेक्टिविटी के फीचर वाली डिवाइसेज़ बनाने का ऐलान किया था, जो आपातकाल या नेटवर्क न होने की स्थिति में भी काम कर सकेंगी।
फरवरी या मार्च में लॉन्च, होगा बड़ा बदलाव
सूत्रों के अनुसार, इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट का लॉन्च फरवरी या मार्च 2025 में किया जा सकता है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो यह भारत का एक और बड़ा क़दम होगा, जिससे देश अंतरिक्ष सेवाओं में और आगे बढ़ेगा। अब तक सैटेलाइट फोन सेवाएँ बहुत महंगी थीं और सीमित लोगों तक ही सीमित रहती थीं। लेकिन इस मिशन के सफल होते ही आम नागरिक को भी अंतरिक्ष से कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
कैसे होगा फ़ायदा?
- आपदा प्रबंधन: बाढ़, भूकंप या अन्य आपातकालीन स्थितियों में, जब ज़मीन-based टॉवर काम नहीं करते, तब सैटेलाइट नेटवर्क से कॉल की जा सकेगी।
- दूरदराज़ इलाकों में संचार: पहाड़ी या ग्रामीण इलाकों में अब तक नेट और फ़ोन कनेक्टिविटी बहुत कठिन रही है। सैटेलाइट कॉल से इन क्षेत्रों को बड़ी सुविधा मिल सकेगी।
- टेक्नोलॉजी में क्रांति: भारत पहले से ही अंतरिक्ष तकनीक में अग्रणी माना जाता है, और यह नया मिशन देश की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर और मज़बूत करेगा।