सऊदी अरब ने कई देशों को प्रतिबंधित सूची में डाल रखा है और उन देशों के यात्रियों की सीधी प्रवेश पर अभी सऊदी अरब में मनाही है इसी बीच एक सरकार ने ऐसा कार्य किया है जिसको देखकर लंबे अरसे से इंतजार कर रहे भारतीय प्रवासियों के सरकार को भी सोचना चाहिए.
सऊदी अरब ने प्रतिबंधित सूची में फिलीपींस को भी डाल रखा था लेकिन सऊदी अरब सरकार के साथ वार्तालाप और विमर्श करने के उपरांत इस प्रतिबंध को सऊदी अरब ने हटा लिया लेकिन लगातार खबरें आने लगी कि सऊदी अरब आने वाले फिलीपींस के कामगारों से क्वॉरेंटाइन के लिए पैसे लिए जा रहे हैं जिसके बाद तुरंत वहां की सरकार ने सऊदी अरब के मंत्रालय के साथ विचार विमर्श करना शुरू कर दिया और तत्काल प्रभाव से प्रवासी कामगारों के प्रस्थान पर रोक लगा दिया.
फिलीपींस के सरकार के इस कदम के बाद सऊदी अरब की सरकार तुरंत हरकत में आई और उन्होंने तुरंत अपने सारे स्पॉन्सर और कंपनियों को कहा कि किसी भी प्रकार से फिलीपीन से आने वाले प्रवासी कामगारों के ऊपर कोई भी अन्य शुल्क जैसे क्वॉरेंटाइन इत्यादि नहीं लगाया जाए अगर ऐसा लगाया जाता है तो भैया एक दंडनीय अपराध होगा.
सऊदी अरब की सरकार ने फिलीपींस के सरकार को जब इस बात की Assurance दी तब फिलीपीन की सरकार ने प्रवासी कामगारों को वापस सऊदी अरब कार्य पर जाने के लिए प्रतिबंध हटा दिया और सऊदी अरब में भी तहे दिल से इन प्रवासी कामगारों का स्वागत करना शुरू कर दिया है.
फिलीपींस की सरकार ने बस इतना सा काम किया कि उन्होंने यह बता दिया कि अगर आपको अपना कार्य कराने के लिए हमारे लोगों की जरूरत है तो उनकी रिस्पांसिबिलिटी भी उठाने आपकी जिम्मेदारी होनी चाहिए.
भारी संख्या में भारतीय प्रवासी कामगार सऊदी अरब के कई सेक्टरों में कार्य करते हैं और उनके बदौलत ही सऊदी अरब की सूरत आज जो है वह बन पाई है अर्थात भारतीय कामगारों के योगदान को इसमें झूठ चलाया नहीं जा सकता है लेकिन फिर भी भारतीय सरकार के मौन होने के कारण सऊदी अरब ने अब तक भारतीय प्रवासियों के आगमन पर प्रतिबंध नहीं हटाया है.