सात साल बाद चीनी निर्यात पर लग सकता है प्रतिबंध: सरकार की कीमत नियंत्रण योजना
बारिश कम, गन्ने की उपज में घटाव
भारत सात सालों में पहली बार चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस साल कम बारिश होने के कारण गन्ने की फसल में घटाव की संभावना है। इसलिए, सरकार चीनी की कीमत को नियंत्रित करने के लिए ऐसा कदम उठा सकती है।
वैश्विक बाजार में कीमत में वृद्धि
माना जा रहा है कि भारत से चीनी निर्यात न होने पर न्यूयॉर्क और लंदन में इसकी कीमत में वृद्धि हो सकती है। पहले ही चीनी की कीमत में वृद्धि हो चुकी है और वैश्विक खाद्य महंगाई भी बढ़ सकती है।
सरकार की प्राथमिकताएं
सरकार का मुख्य ध्यान चीनी के भारतीय बाजार में संकट को दूर करने पर है। इसके अलावा, अतिरिक्त गन्ने से सरकार एथेनॉल भी बनाएगी।
निर्यात की सीमा
इस सीजन में सरकार ने चीनी मिलों को 61 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है, जबकि पिछले साल 1.11 करोड़ टन की अनुमति थी।
राज्यवार उत्पादन
महाराष्ट्र और कर्नाटक में मानसून की कमी से गन्ने का उत्पादन घट सकता है। यह दोनों राज्य मिलकर भारत के कुल चीनी उत्पादन में 50% योगदान करते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी की सारणी
पैरामीटर | डेटा |
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निर्यात की अनुमति | 61 लाख टन (2023), 1.11 करोड़ टन (2022) |
महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश | 50% कम |
कुल उत्पादन गिरावट | 3.30% गिरकर 3.17 करोड़ टन |
खुदरा महंगाई दर | 7.44% (जुलाई 2023) |
खाद्य महंगाई | 11.5% |