मैनपुरी जनपद के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर निवासी राजेश तिवारी के दिव्यांग पुत्र सूरज तिवारी ने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 971वीं रैंक पाकर मैनपुरी जनपद का नाम रोशन किया हैं. सूरज पर पूरे देश को गर्व है. पूरे प्रदेश और देश से लोग उनको बधाई दे रहे हैं. जैसे ही सूरज के घर वालों को यूपीएससी के परिणाम आने की जानकारी मिली सबकी धड़कने तेज हो गई. परिणाम देखने के बाद पता चला सूरज ने यह परीक्षा पास कर ली है. इसके बाद पूरे घर में खुशी की लहर दौड़ गई.
ट्रेन दुर्घटना में गंवाए थें हाथ और दोनों पैर :
यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल में हुई. उन्होंने वर्ष 2011 में हाईस्कूल परीक्षा एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से तथा 2014 मे इंटरमीडिएट परीक्षा संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण की. इसके बाद जब वो बीएससी कर रहे थे तभी 24 जनवरी 2017 को दादरी गाजियाबाद में हुई एक ट्रेन दुर्घटना में घुटनों से दोनों पैर तथा कोहनी दांया हाथ व बाएं हाथ की दो उंगलियां गवा बैठे थे. काफी ज्यादा पैसे खर्च करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी.
हर तरफ छा रही उदासी को सूरज ने शिक्षा से दूर किया. सूरज ने आगे अपनी पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया. वो लगातार सिलाई का काम करते हैं सूरज के पिता अध्ययन करते रहे और 2021 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली से बीए किया. सूरज एमए की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. बचपन से ही लग्नशील सूरज तिवारी आईएएस की तैयारी करने के लिए लगातार 18 घंटे तक पढ़ते थे. 2017 को उनके बड़े भाई राहुल तिवारी का निधन हो गया जिससे वह मायूस हो गए.
पिता जी हैं टेलर
पिता की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के बावजूद भी उनकी पढ़ाई जारी रखी. सूरज तिवारी के पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं. उनके पिता सिलाई कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. बेहद तंगी के बावजूद भी राजेश तिवारी ने अपने बेटे की इच्छा अनुसार उसे प्रेरित करते हुए व्यवधान नहीं आने दिया और उसका हौसला बनाए रखा. जिसका परिणाम आज सूरज ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली.