हज़ारीबाग ज़िले के बिष्णुगढ़ प्रखंड स्थित जोबर पंचायत के बनखार्रो गांव के एक प्रवासी मजदूर धनंजय महतो की मौत सऊदी अरब में 24 मई 2025 को हो गई थी। जबकि 15 जून को दूसरे प्रवासी रामेश्वर महतो ने कुवैत के एक अस्पताल में अपना दम तोड़ दिया। दोनों ही मृतकों के परिजन शव वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
ये मामला सामने आने के बाद झारखंड सरकार का श्रम विभाग विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले लेबर सेल प्रोटेक्टर ऑफ़ इमिग्रेंट के संपर्क में है। इसके साथ ही राज्य का श्रम विभाग सऊदी अरब और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास से भी संपर्क में है। जल्द ही शवों की उनके पैतृक गांव पहुंचे की उम्मीद है।
इस मामले पर हज़ारीबाग जिला उपायुक्त (ज़िलाधिकारी) शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि देरी को देख कर मैंने भारतीय दूतावास से दोनों परिवारों का सम्पर्क भारतीय दूतावास के अधिकारी से ख़ुद करवाया। अब एनओसी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जैसे ही भारतीय दूतावास को एनओसी से सम्बंधित दस्तावेज़ उपलब्ध होंगे वैसे ही दोनों शव पैतृक गांव पहुंच सकेंगे।
मुआवज़े को लेकर उपायुक्त ने बताया कि रामेश्वर महतो के मामले में डेथ क्लेम कुवैत की कोर्ट से तय होगा। जिसके लिए मृतक के परिवार को भारतीय दूतावास के माध्यम से दस्तावेज़ उपलब्ध करवाने होंगे। ये प्रक्रिया एक से दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी। भारतीय दूतावास के सहयोग से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की पूरी कोशिश की जाएगी।
रामेश्वर महतो के परिवार के मुताबिक़ उन्हें विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि रामेश्वर महतो की मौत नेचुरल है। इसलिए उनके परिवार को चार लाख बयालिस हज़ार नौ सौ चालीस रुपए आईएमसीओ कम्पनी की तरफ से बतौर मुआवज़ा मिलेगा, लेकिन इस रकम में उनका परिवार सहमत नहीं हो रहा है।
वहीं धनंजय महतो की मौत हादसे में हुई है। ऐसे स्थिति में उनको परिवार की तरफ से जब तक एनओसी दस्तावेज़ नहीं मिलेंगे तब तक मुआवज़ा क्लियर नहीं हो पाएगा। लेकिन मुआवज़ा कम्पनी में किए गए जॉब के आधार पर तय होगा।