उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स नियमों में संशोधन करने की योजना बनाई है। इसमें प्रमुख मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए ड्राफ्ट नियम पेश कर कुछ संपत्तियों के लिए टैक्स कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इसके लिए नौ सुझाव और आपत्तियों की मिली है। संशोधित प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और इसके बाद इसे नोटिफाई किया जाएगा।

यह बदलाव दस साल बाद किया जा रहा है। आखिरी बार ये नियम 2013-14 में बदले गए थे। इसमें आवासीय और गैर-आवासीय भवनों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसमें तारांकित होटल प्रॉपर्टी के संचालकों को छूट का ऑफर दिया गया था ताकि राज्य में पर्यटन को सपोर्ट मिले और रोजगार में भी वृद्धि हो सके।

आगरा को विदेशी पर्यटकों का बड़ा आकर्षण केंद्र माना जाता है। यहां करीब 60 प्रतिशत विदेशी पर्यटक आते हैं। इसलिए, यहां के होटलों में बदलाव की जरूरत महसूस की गई थी। प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। आगरा के स्टेकहोल्डर्स ने इसमें आपत्ति दर्ज की है। यहां करीब 2000 होटल हैं।

पर्यटन विभाग ने तारांकित प्रॉपर्टीज को इंडस्ट्री का दर्जा दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि होम टैक्स, वाटर सीवरेज टैक्स और अन्य नगरपालिका चार्ज तय दरों के मुताबिक लगाए जाएंगे। नये नियम के बाद, तारांकित संपत्तियों पर आधार दर का सिर्फ तीन गुना शुल्क लगाया जाएगा। बजट होटल, गेस्ट हाउस और अन्य रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में आधार दर का छह गुना भुगतान जारी रखा जाएगा।

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