RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 9 अप्रैल 2025 को ऐलान किया है कि UPI से व्यापारी को पेमेंट (P2M) करने की लिमिट को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अभी तक व्यक्तिगत से व्यक्तिगत (P2P) ट्रांजैक्शन की लिमिट ₹1 लाख थी और वही बरकरार रहेगी।
🔍 अभी की लिमिट क्या है?
पेमेंट का प्रकार | ट्रांजैक्शन लिमिट |
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P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) | ₹1 लाख |
P2M (व्यापारी को पेमेंट) | ₹1 लाख (कुछ मामलों में ₹2-5 लाख तक) |
अब क्यों बढ़ाई जा रही है लिमिट?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कुछ खास मामलों में UPI लिमिट पहले ही ₹2 लाख और ₹5 लाख तक की जा चुकी है (जैसे इंश्योरेंस, IPO, इनकम टैक्स आदि)।
अब NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) को अधिकार दिया गया है कि वह जरूरत और उपयोग के हिसाब से नई कैटेगरी बनाए और लिमिट तय करे।
🏫🏥 स्कूल, कॉलेज और अस्पताल की फीस UPI से एक बार में
जय कुमार (Co-Founder, TechFini) के अनुसार, अभी अगर किसी को स्कूल फीस या हॉस्पिटल का बिल UPI से देना होता है और अमाउंट ₹1 लाख से ज्यादा होता है, तो पेमेंट को कई हिस्सों में बांटना पड़ता है। लेकिन अब ये झंझट खत्म हो सकता है।
🌍 विदेश में UPI से पेमेंट अब आसान
कई देशों में UPI पेमेंट स्वीकार हो चुका है, लेकिन वहां की करेंसी ज्यादा मजबूत होने के कारण ₹1 लाख की लिमिट कम पड़ जाती थी। अब लिमिट बढ़ने से विदेशी ट्रांजैक्शन भी स्मूद हो जाएंगे।
🚗 कार की डाउनपेमेंट और बड़ी खरीदारी भी UPI से मुमकिन
राहुल जैन (NTT DATA Payment Services) के अनुसार, UPI लिमिट बढ़ने से कार की डाउनपेमेंट, कॉलेज फीस, सरकारी पेमेंट और हॉस्पिटल में एडवांस डिपॉजिट जैसे काम UPI से सीधे हो सकेंगे।
📈 UPI की औसत टिकट साइज घट रही थी
Adhil Shetty (CEO, Bankbazaar.com) ने बताया कि फरवरी 2025 में UPI की औसत ट्रांजैक्शन साइज ₹1364 थी, जबकि एक साल पहले ₹1510 थी — यानी लोग छोटे ट्रांजैक्शन ज्यादा कर रहे थे।
अब लिमिट बढ़ने से बड़े ट्रांजैक्शन भी बढ़ेंगे।
📋 कौन से व्यापारी होंगे शामिल?
फिलहाल कुछ कैटेगरी जैसे:
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बीमा प्रीमियम (₹2 लाख)
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IPO, टैक्स पेमेंट (₹5 लाख)
इनमें पहले से ही लिमिट ज्यादा है। अब NPCI नए व्यापारी सेगमेंट्स को इस लिस्ट में जोड़ सकता है।