हवाई सफर में जब एक ही तबीयत बिगड़ जाती है तब वैसी स्थिति में तुरंत मेडिकल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं और उसके लिए विमान को नजदीकी किसी भी एयरपोर्ट पर लैंड करवा लिया जाता है. लेकिन अब भारतीय रेलवे में भी चिकित्सा सुविधाएं और साथ ही साथ उसको लेकर सजगता है. कल के सफर में हुए इस घटनाक्रम को देखकर या जानकर आपका पक्ष भारतीय रेलवे के प्रति जरूर बदलेगा.
भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से चलकर हजरत निजामउद्दीन जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में एक यात्री को सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ गया। इसके चलते ट्रेन को सुबह बीना स्टेशन पर रोककर यात्री को अस्पताल पहुंचाया गया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार बावड़ियां कलां के रहने वाले बुजुर्ग अवधेश खरे और उनकी पत्नी रीता सोमवार सुबह वंदे भारत एक्सप्रेस से रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए यात्रा कर रहे थे । वे ट्रेन के कोच सी- 10 में मौजूद थे।
ट्रेन के विदिशा रेलवे स्टेशन से निकलने के कुछ समय बाद ही अवधेश खरे को सीने में दर्द की शिकायत हुई । इसके साथ ही वह पसीने में भीग गए। इस पर पत्नी रीता ने कोच में मौजूद दूसरे यात्रियों से मदद मांगी। यात्रियों ने आरपीएफ कर्मचारियों को चिकित्सकीय मदद की सूचना दी। इस पर आरपीएफ जवान इंदर यादव और उनकी टीम कोच में पहुंची।
शुरू हुआ एक्शन
आरपीएफ टीम ने तत्काल टीटीई से संपर्क कर, लोको पायलट तक सूचना पहुंचाई। साथ ही उद्घोषणा कर ट्रेन में सफर कर रहे भोपाल के डॉ. कुलदीप मिश्रा और बुदनी के डॉ. अनुपम शर्मा से संपर्क किया गया। इसके बाद इन दोनों चिकित्सकों ने उक्त कोच में पहुंचकर अवधेश खरे की जांच की, तब उनकी नाड़ी बहुत धीमी चल रही थी । इस पर चिकित्सकों ने अवधेश खरे को दिल का दौरा पड़ने की पुष्टि की।
नहीं था दवाई फिर भी हुआ बचाव
साथ ही तेजी से बिगड़ रही सेहत को स्थिर करने के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता के बारे में मरीज की पत्नी से पूछा। लेकिन, उनके पास कोई दवा उपलब्ध नहीं थी । इसके चलते ट्रेन में लगाए गए कोच उद्घोषणा सिस्टम की मदद से जरूरी दवाओं के नाम प्रसारित कर, यात्रियों से उपलब्धता पूछी गई। इसके बाद दूसरे कोच में सफर कर रहे एक यात्री ने चिकित्सक द्वारा मांगी गई दवा मुहैया कराई, जो मरीज को दी गई। इससे उनकी हालत स्थिर हो गई और फिर ट्रेन के बीना रेलवे स्टेशन पहुंचने पर रोककर मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से रेलवे हॉस्पिटल बीना पहुंचाया गया।