भारतीय बिलेनियर अनिल अग्रवाल की कंपनी Vedanta ltd ने पिछले 2 कारोबारी दिनों में लगातार अपने निवेशकों को नुकसान दिया है. और अब भारत सरकार के फैसले की वजह से इस कंपनी के शेयर और लुढ़क गए हैं.
भारत में अनिल अग्रवाल बनाना चाहते हैं नया सिलीकान वैली.
अनिल अग्रवाल ने अपने Vedanta Ltd के सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग के जरिए भारत में नया सिलीकान वैली खड़ा करना चाहते हैं जिससे पूरे भारत भर में इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत ऑटोमोबाइल कंपनियां तक के दामों में गिरावट दर्ज हो सके. साथ ही साथ उच्च क्वालिटी के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भारत में निर्मित हो सके.
अनिल अग्रवाल ने इसके लिए चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का फैसला किया है. अनिल अग्रवाल ने इसके लिए ताइवान के Hon Hai Precision के साथ हाथ मिलाया था.
भारत में Semiconductor Chip निर्माण को बढ़ावा देने के लिए चल रहे भारत सरकार की पीएलआई स्कीम में वेदांता लिमिटेड ने आवेदन दिया था जिससे कंपनी को अरबों डॉलर हासिल होने वाले थे. भारत सरकार ने आवेदन को Criteria Not meet के ग्राउंड पर खारिज कर दिया है.
भारत सरकार के इस इकलौते फैसले की वजह से कंपनी के शेयर धाराशाही हुए हैं और महज 3 दिनों में कंपनी के शेयर ₹300 से लुढ़क कर ₹280 पर आए हैं.
अब आगे क्या होगा शेयरधारकों का.
Vedanta Ltd ने अपने शेयरधारकों को सबसे बढ़िया डिविडेंड देने का रिकॉर्ड रखा है. लेकिन जहां तक शेयर के growth की बात करें तो विशेषज्ञों का कहना है कि वेदांता लिमिटेड अब भी एक खरीदने लायक बढ़िया शेयर है क्योंकि सरकार के द्वारा खारिज किए गए इस आवेदन को वेदांता दोबारा पूरी तैयारी से करेगा.
वेदांता अगर अपने सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में आगे निकलता है तो इसका सीधा फायदा निवेशकों को सीधे तौर पर सबसे ज्यादा जाएगा। वेदांता काफी तेजी से अपने ऊपर लदे हुए कर्ज को कम कर रहा है। घटता हुआ लोन वेदांता के शेयरधारकों के लिए बढ़िया विकल्प साबित हो रहा है।