वेदांता ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने इस वित्तीय वर्ष में अपने शेयरधारकों के लिए एक विशेष डिविडेंड देने की योजना बनाई है, जिसकी कुल राशि ₹8,000 करोड़ होगी। सूत्रों के अनुसार, हिंदुस्तान जिंक का बोर्ड इस विशेष डिविडेंड के भुगतान पर विचार करने और इसे मंजूरी देने के लिए मंगलवार को बैठक करेगा।
विशेष डिविडेंड से केंद्र सरकार को भी होगा फायदा 💰
इसमें से लगभग 30% या ₹2,400 करोड़ की राशि केंद्र सरकार को मिलेगी, जिससे उसके गैर-कर राजस्व में इजाफा होगा। यह सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मिली मंजूरी
यह कदम नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा कंपनी के ₹10,383 करोड़ के जनरल रिजर्व को रिटेंड अर्निंग्स में ट्रांसफर करने की मंजूरी के बाद उठाया गया है। इस विशेष डिविडेंड के अलावा, हिंदुस्तान जिंक हर साल लगभग ₹6,000 करोड़ का नियमित डिविडेंड भी देती है।
प्रमोटर वेदांता को मिलेगा बड़ा लाभ
सरकार के अलावा, इस विशेष डिविडेंड से प्रमोटर वेदांता लिमिटेड को भी फायदा होगा, जो हिंदुस्तान जिंक में लगभग 65% हिस्सेदारी रखता है। वेदांता को लगभग ₹5,100 करोड़ मिलेंगे, जिसे वह अपने बैलेंस शीट को और मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए हिस्सेदारी बेचने की योजना
वेदांता 16 अगस्त से 19 अगस्त तक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी 3.31% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इसके लिए प्रति शेयर फ्लोर प्राइस ₹486 तय किया गया है।
हिंदुस्तान जिंक की मजबूत वित्तीय स्थिति 📈
हिंदुस्तान जिंक ने अपने बिक्री वॉल्यूम में स्थिर वृद्धि और पूंजी व्यय के संतुलित वितरण से एक मजबूत नकदी प्रवाह उत्पन्न किया है। कंपनी ने अपने स्कीम ऑफ अरेंजमेंट में कहा है कि वह अपने व्यापार संचालन से आने वाले वर्षों में अतिरिक्त नकदी प्रवाह की उम्मीद करती है।
पिछले वित्तीय वर्ष में, हिंदुस्तान जिंक ने कुल ₹5,493 करोड़ का डिविडेंड दिया, जिसमें से सरकार को उसकी 29.5% हिस्सेदारी के लिए ₹1,622 करोड़ मिले। FY22-23 में, कंपनी ने रिकॉर्ड ₹32,000 करोड़ का डिविडेंड भुगतान किया था, जिसमें से सरकार को ₹9,500 करोड़ की बड़ी राशि मिली थी।
मार्केट कैपिटलाइजेशन में जबरदस्त वृद्धि 🚀
जून तिमाही के दौरान, हिंदुस्तान जिंक का बाजार पूंजीकरण दोगुना हो गया और यह लगभग ₹1.6 लाख करोड़ तक पहुंच गया। वास्तव में, तिमाही के दौरान कंपनी का मार्केट कैप अपने उच्चतम स्तर ₹3.4 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
यह कदम वेदांता और हिंदुस्तान जिंक दोनों के लिए वित्तीय रूप से लाभकारी साबित हो सकता है