केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से गेहूं को सस्ता करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू के लिए सरकार आयात शुल्क में कटौती सहित सभी अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है.
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा शुक्रवार को यह जानकारी दी. चावल के मामले में उन्होंने कहा कि भारत को अबतक भूटान से सरकार के स्तर पर 80,000 टन चावल की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है.
गेहूं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध
पिछले साल सरकार ने घरेलू उपलब्धता और खुदरा बाजारों में बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार खुले बाजार में आटा मिलों और अन्य व्यापारियों को गेहूं का स्टॉक बेच रही है.
विकल्प पर सरकार कर रही विचार
चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा है कि पिछली नीलामी के बाद से गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं. सरकार सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रही है और उचित निर्णय लेगी. खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत सरकार ने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए मार्च, 2024 तक केंद्रीय पूल से आटा मिलों, निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को 15 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया है.
गर्मी की वजह से घटा उत्पादन
कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी की ‘लू’ के कारण देश का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था. नतीजतन, सरकारी खरीद पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन से घटकर इस साल 1.9 करोड़ टन रह गई.
बढ़ेगा गेहूं का उत्पादन
बता दें 2022-23 में खेती के अधिक रकबे और बेहतर उपज के कारण गेहूं का उत्पादन बढ़कर 11 करोड़ 27.4 लाख टन रहने का अनुमान है. चावल के बारे में सचिव ने कहा कि भारत को अबतक भूटान से सरकार के स्तर पर 80,000 टन चावल की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है. सरकार ने घरेलू कीमत पर अंकुश लगाने के लिए टूटे चावल और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
Bharat Atta Price:
गेहूं के आटे की कीमत लगातार बढ़ते-बढ़ते 38 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कम दाम पर आटा बेचने का ऐलान किया है। दाम बढ़ने की स्थिति ये है कि खुदरा बाजार में तो अब आटा 45 रुपये किलो तक बिक रहा है।
भारत आटा
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय भंडार और नाफेड जैसी सहकारी समितियां “भारत आटा” नाम के तहत 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम की आपूर्ति करने पर सहमत हुई हैं।2 फरवरी से केन्द्रीय भंडार ने रुपये में आटा बेचना शुरू किया है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया 6 फरवरी से इस दर पर सप्लाई कर रहे हैं।