आयकर छापेमारी समय-समय पर सुर्खियों में रहती है, लेकिन देश की सबसे बड़ी छापेमारी ने ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जिनकी वजह से अधिकारियों को मैन्युअल गणना का सहारा लेना पड़ा। यह छापेमारी भारत के ओडिशा राज्य में हुई, जो पूरे 10 दिनों तक चली।
इस महाअभियान के तहत, आयकर अधिकारियों ने शराब निर्माण कंपनी, बौद्ध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड के विभिन्न विभागों पर छापा मारा। इस छापेमारी में 352 करोड़ रुपये की नगदी जब्त की गई।
इस छापेमारी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान जमीन में छिपी संपत्तियों का पता लगाने के लिए एक स्कैनिंग व्हील वाली मशीन का उपयोग किया। विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करते हुए, आयकर विभाग की टीमों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस दौरान, बैंक नोटों की गिनती के लिए तीन दर्जन मशीनें मंगाई गईं। भारी मात्रा में नकदी मिलने के कारण विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ी। आखिरकार, जब्त किए गए धन को कड़ी सुरक्षा के बीच एक ट्रक में लोड करके आयकर विभाग में जमा किया गया।
इस अभूतपूर्व कार्रवाई के लिए, केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में ओडिशा में आयकर छापेमारी को अंजाम देने वाले अधिकारियों का सम्मान किया। इस आयकर छापेमारी का नेतृत्व आयकर जांच के प्रधान निदेशक, अधिकारी एस.के. झा और अतिरिक्त निदेशक, गुरप्रीत सिंह ने किया।