नई दिल्ली में अब बच्चों के नर्सरी से पहली कक्षा में दाखिले की आवेदन प्रक्रिया जोरों पर है। शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए दिल्ली के निजी स्कूलों ने अपनी सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, माता-पिता के लिए आकर्षण स्थलों के साथ चुनौतियाँ भी हैं।
स्कूलों द्वारा पंजीकरण शुल्क 25 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन असल समस्या तब आती है जब फीस की जानकारी लेने पर अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे प्रोस्पेक्टस खरीदें। कहीं न कहीं यह एक प्रकार से अप्रत्यक्ष दबाव है जो स्कूलों द्वारा बनाया जा रहा है। कई स्कूलों ने फीस संबंधित जानकारी को अपनी वेबसाइट से हटा रखा है और समय-समय पर इसे अधिसूचित करने का दावा करते हैं। इससे अभिभावकों को फीस की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है।
राहुल उनियाल जैसे कई अभिभावक इस अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि नामी स्कूल में दाखिले के लिए पंजीकरण किया जा सकता है, लेकिन जानकारी के आभाव में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अभिभावक अब ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोस्पेक्टस की खरीददारी वैकल्पिक होनी चाहिए और किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। शिक्षा निदेशालय के निर्देश भी स्पष्ट हैं कि प्रोस्पेक्टस की खरीददारी को वैकल्पिक रखा जाए।
माता-पिता के लिए सलाह यह है कि वे जागरूक रहें और अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी रखें। स्लॉट्स की समाप्ति से पहले, सभी आवेदन प्रक्रियाओं को समझने के लिए शिक्षण संस्थानों से जुड़ी सही और विश्वसनीय जानकारी इकट्ठा करें ताकि निर्णय लेने में सटीकता बनी रहे।