नई दिल्ली में साल 2025 के दौरान मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति को लेकर ताजा जानकारी सामने आई है। राष्ट्रीय राजधानी में इस साल डेंगू के चलते चार लोगों की जान गई है। स्वास्थ्य के नजरिए से यह चिंता का विषय जरूर है, लेकिन राहत की खबर यह है कि कुल मिलाकर मच्छरजनित बीमारियों के प्रसार में नियंत्रण देखा गया है। विशेष रूप से मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में पिछले समय के मुकाबले स्थिति बेहतर रही है और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों का असर भी जमीन पर दिखाई दिया है।
अक्टूबर और नवंबर के महीने में सबसे ज्यादा बढ़ा था डेंगू का खतरा, इस साल मलेरिया से नहीं हुई एक भी मौत
राजधानी में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2025 में डेंगू से कुल चार मौतें दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा पिछले कई वर्षों में हुई मौतों की तुलना में कम माना जा रहा है, जो कि एक राहत भरा संकेत है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप साल के आखिरी महीनों में देखने को मिला। विशेष रूप से अक्टूबर और नवंबर के महीने में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक था और इन्हीं महीनों में मौत के मामले भी दर्ज किए गए। वहीं, सबसे सुकून देने वाली बात यह रही कि पूरे साल मलेरिया की वजह से दिल्ली में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई।
पिछले वर्षों के मुकाबले कैसा रहा इस बार बीमारियों का ग्राफ? जानिए डेंगू और मलेरिया के मामलों का पूरा सच
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक डेंगू के 1,469 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा मलेरिया के 737 और चिकनगुनिया के 177 मरीज मिले हैं। अगर इन आंकड़ों की तुलना पिछले वर्षों से करें, तो मिश्रित परिणाम देखने को मिलते हैं। मलेरिया के मामलों में इस साल स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में जहां मलेरिया के 792 मामले थे, वहीं 2025 में यह घटकर 737 रह गए। हालांकि, डेंगू के मामलों में उतार-चढ़ाव बना रहा। 2024 में डेंगू के 1,113 और 2023 में 1,303 मामले थे। अधिकारियों का मानना है कि इस साल अक्टूबर का महीना सबसे संवेदनशील रहा, जब अकेले एक महीने में डेंगू के 252 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद सितंबर और अगस्त में भी संक्रमण की दर अधिक रही।
लाखों नोटिस और हजारों पर कानूनी कार्रवाई, मच्छरों की रोकथाम के लिए प्रशासन ने अपनाए बेहद सख्त रवैये
मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए इस साल प्रशासन ने काफी सख्ती दिखाई है। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए गए। रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान जहां भी मच्छरों का लार्वा या प्रजनन स्थल पाए गए, वहां तुरंत कार्रवाई की गई। इस वर्ष 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने वाले 29 हजार से अधिक मामलों में कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई है। आंकड़े बताते हैं कि सेंट्रल, वेस्ट और शाहदरा जोन में मच्छरों से जुड़ी बीमारियों के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए, जिसके चलते इन इलाकों में फॉगिंग और लार्वा नियंत्रण पर विशेष जोर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि समय पर की गई फॉगिंग और जन-जागरूकता अभियानों की वजह से ही हालात को काबू में रखने में बड़ी मदद मिली है।





