रेलवे अब एयरपोर्ट मॉडल पर देश के स्टेशनों पर बड़े ब्रांडेड रेस्टोरेंट खोलने जा रहा है। यात्रियों को प्लेटफ़ॉर्म पर ही पिज्ज़ा, बर्गर और अन्य प्रीमियम खाना मिलेगा। कंपनियों को स्लॉट ई-नीलामी के आधार पर दिए जाएंगे।
मुख्य बातें (Highlights)
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रेलवे स्टेशनों पर बड़े ब्रांड के पिज्ज़ा–बर्गर आउटलेट खुलेंगे
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यात्रियों को स्टेशन पर ही प्रीमियम खाना आसानी से मिलेगा
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कंपनियों को 5 साल के लिए स्लॉट दिए जाएंगे
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एयरपोर्ट की तरह रेलवे स्टेशन भी ‘फूड हब’ बनेंगे
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रेलवे की कमाई भी बढ़ने की उम्मीद
विस्तार से (Details)
देशभर के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को अब पिज्ज़ा, बर्गर और प्रीमियम रेस्टोरेंट का खाना आसानी से मिल सकेगा। एयरपोर्ट मॉडल की तरह रेलवे भी बड़े ब्रांडों को स्टेशन के अंदर आउटलेट खोलने की अनुमति देने जा रहा है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने प्रत्येक ज़ोन के महाप्रबंधक को जरूरी अधिकार दे दिए हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार, कंपनियां अपनी आवश्यकता और क्षेत्र के हिसाब से स्टेशनों पर रेस्टोरेंट खोलने के लिए आवेदन कर सकेंगी। इसके बाद यात्रियों को प्लेटफ़ॉर्म पर ही हेल्दी स्नैक्स, बेकरी आइटम, पिज़्ज़ा, बर्गर, कॉफी, पैकेज्ड भोजन और अन्य सामान आसानी से उपलब्ध होगा।
रेलवे का मानना है कि इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर और सुरक्षित खाना मिलेगा और साथ ही रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी। अभी तक स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांडों के ऐसे आउटलेट खोलने की अनुमति नहीं थी।

रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल तीन श्रेणियों में आते हैं—
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बेकरी, बिस्किट और स्नैक स्टॉल
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स्नैक और पैकेज्ड आइटम स्टॉल
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फूड–रेस्टोरेंट स्टॉल (जिनके लिए नई अनुमति दी जाएगी)
यह कदम यात्रियों की लगातार बढ़ती मांग के बाद उठाया गया है। एयरपोर्ट पर जैसे Subway, KFC, Domino’s, Burger King जैसे ब्रांड मौजूद रहते हैं, उसी तर्ज पर अब रेलवे स्टेशन भी प्रीमियम फूड ज़ोन बनेंगे।
कंपनियों को बोली के आधार पर जगह मिलेगी
रेलवे ने साफ किया है कि किसी भी कंपनी को सीधे जगह नहीं दी जाएगी।
हर स्टेशन पर उपलब्ध जगह ई-नीलामी (e-bidding) के आधार पर दी जाएगी। जो कंपनी सबसे ऊंची बोली लगाएगी, उसी को आउटलेट खोलने का अधिकार मिलेगा। यह जगह 5 साल की अवधि के लिए दी जाएगी।
तालिका: नया बदलाव – क्या मिलेगा यात्रियों को?
| सुविधा | बदलाव |
|---|---|
| प्लेटफ़ॉर्म पर खाना | अब पिज्ज़ा, बर्गर, ब्रांडेड फूड मिलेगा |
| कंपनियों को स्लॉट | ई-निविदा (e-bidding) के ज़रिए 5 साल के लिए |
| यात्रियों को लाभ | बेहतर, साफ-सुथरा और मनपसंद खाना |
| रेलवे को लाभ | अतिरिक्त कमाई और आधुनिक स्टेशन |
FAQ
Q1. क्या छोटे स्टेशनों पर भी पिज्ज़ा–बर्गर आउटलेट खुलेंगे?
हाँ, आवश्यकता और मांग के आधार पर ज़ोनल GM निर्णय लेंगे।
Q2. क्या कीमतें एयरपोर्ट जैसी ज़्यादा होंगी?
कंपनियों को रेलवे की प्राइस पॉलिसी का पालन करना होगा।
Q3. कब से शुरुआत होगी?
मंत्रालय की अनुमति मिलते ही बड़े स्टेशनों पर प्रक्रिया शुरू होगी।
Q4. क्या पुराने स्टॉल हटाए जाएंगे?
नहीं, यह प्रीमियम ब्रांड कैटेगरी के लिए अलग व्यवस्था है।




