आम लोगों के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अब और भी आसान होने जा रही है। केंद्र सरकार 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट में बड़ा संशोधन करने की तैयारी में है, जिसके तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाया जाएगा। इस कदम से न सिर्फ़ दस्तावेज़ों की सुरक्षा और सत्यता सुनिश्चित होगी, बल्कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी तेज़ और पारदर्शी बनेगी।
डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों में इजाफा
फर्जीवाड़े पर लगेगा लगाम, नागरिकों को मिलेगा बेहतर अनुभव
डिजिटल युग में यह बदलाव आम नागरिकों को धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से बचाने के लिए अहम साबित होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने से दस्तावेज़ों का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा और हर कदम पर पारदर्शिता बनी रहेगी। इससे प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने की प्रक्रिया पूरे देश में और भी सरल तथा सुरक्षित हो जाएगी।

महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी
आधार आधारित वेरिफिकेशन की भी होगी व्यवस्था
नए कानून के तहत Registration of Agreement to Sell, Sale Certificate, Power of Attorney और Equitable Mortgage जैसे प्रमुख दस्तावेज़ों का रजिस्ट्रेशन पूरे देश में अनिवार्य किया जाएगा।
इसके अलावा, आधार आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम भी प्रस्तावित है, जिसमें नागरिकों की सहमति से उनके आधार नंबर का उपयोग किया जाएगा। यदि कोई नागरिक आधार साझा नहीं करना चाहता तो उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी रहेगी।
डिजिटल सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ से पूरी तरह डिजिटल होगी प्रक्रिया
सरकार करेगी दस्तावेज़ों का इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव
सरकार न केवल डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करेगी, बल्कि सभी रजिस्टर्ड दस्तावेज़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखेगी। इससे न केवल प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल बनेगी, बल्कि धोखाधड़ी की घटनाओं में भी भारी कमी आएगी।
आम जनता से सुझाव भी आमंत्रित, जल्द बनेगा नया कानून
एक समान और आधुनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम
भूमि संसाधन विभाग का कहना है कि समाज और तकनीक में आ रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए यह सुधार ज़रूरी है। विभाग ने आम जनता से इस नए ड्राफ्ट पर सुझाव भी मांगे हैं, ताकि एक भरोसेमंद और प्रभावी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू की जा सके।
यह कदम देशभर में प्रॉपर्टी लेन-देन को सरल, सुरक्षित और तेज़ बनाने के साथ-साथ एक समान कानून की स्थापना की दिशा में बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।




