विगत कुछ वर्षों में लगातार रेलवे में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को मिला है. स्पीड के तौर पर बात करें तो रेलवे ने अपने वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन से लगभग सारे रूटों पर जबरदस्त मुकाम हासिल किया है. अब तक स्पीड के लिए जाने जाने वाली राजधानी और तेजस के साथ-साथ शताब्दी एक्सप्रेस इत्यादि काफी फेमस थी लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस के आने के बाद उनके सफर के रंग तुलनात्मक रूप से फीके पड़ने लगे हैं.
अब रेलवे ने एक बड़ा गैप तैयार किया है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के संचालक को लेकर सारी तैयारी पूरी हो चुकी हैं और अब हाई स्पीड ट्रेन में लंबी दूरी का सफर भी लोगों के लिए काफी सुविधाजनक होने वाला है. जब तस्वीर जारी की गई है तो उसको देखकर ऐसा लगता है कि यह भारतीय रेलवे नहीं बल्कि अब तक वीडियो में दिखने वाले विदेशी रेल की तस्वीरें हैं लेकिन हकीकत तो अब भारतीय रेलवे ट्रैक पर जल्द ही देखने को मिलेगी.
भारत में वंदे भारत स्लीपर कोच का पहला प्रोटोटाइप आ गया है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलुरु में इस नए मॉडल का अनावरण किया। यह नया कोच लंबी दूरी की यात्रा को और भी आरामदायक बनाने वाला है।
टेस्ट रन और शुरुआत
यह नया स्लीपर कोच अब लगभग 10 दिनों के लिए टेस्ट रन पर जाएगा। इसके बाद इसे ट्रैक पर और भी टेस्टिंग के लिए उतारा जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले तीन महीनों में इस ट्रेन को आम जनता के लिए चलाया जाएगा।
राजधानी एक्सप्रेस से बेहतर
इस नए वंदे भारत स्लीपर कोच की खासियत यह है कि यह राजधानी एक्सप्रेस से भी बेहतर है। यह ट्रेन तेज़ रफ्तार से चल सकेगी और इसका एक्सेलेरेशन और डीसलेरेशन भी काफी अच्छा होगा। इसकी औसत गति 160 किमी प्रति घंटा होगी, जबकि टेस्टिंग के दौरान इसकी गति 180 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
कितने कोच होंगे?
इस स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे:
- 4 एसी 2 टियर कोच (188 बर्थ)
- 11 एसी 3 टियर कोच (611 बर्थ)
- 1 एसी फर्स्ट क्लास कोच (24 बर्थ)
क्या खास है इस ट्रेन में?
इस नए वंदे भारत स्लीपर कोच में बहुत सारी नई और आधुनिक सुविधाएं होंगी, जैसे:
- सेंसर-आधारित इंटीरियर
- गंध-मुक्त टॉयलेट सिस्टम
- स्वचालित दरवाजे
- बड़ा सामान रखने का स्थान
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का कोच डेटेल्स.
कोच की प्रकार | संख्या | बर्थ्स की संख्या |
---|---|---|
एसी 2 टियर कोच | 4 | 188 |
एसी 3 टियर कोच | 11 | 611 |
एसी फर्स्ट क्लास कोच | 1 | 24 |
Photo Source: Twitter Chandra R