नौकरी के लिए भारत से बाहर जाने वालों के लिए खुशखबरी: टैक्स नियमों में राहत. चलन से बाहर तथ्यों को जानें
क्या आप विदेश में नौकरी करने की सोच रहे हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। भारत सरकार ने उन लोगों के लिए टैक्स नियमों में ढील दी है, जो नौकरी के सिलसिले में भारत से बाहर जा रहे हैं।
182 दिन के नियम का फायदा लें
भारत से बाहर जाने वाले व्यक्ति के लिए 60 दिनों की कंडीशन को 182 दिनों में बदला गया है। यानी, अगर आप विदेश में रोजगार के लिए जा रहे हैं, तो आप इस राहत का फायदा उठा सकते हैं। इस स्थिति में, आप उस फाइनेंशियल ईयर के दौरान India में Non-Resident के तौर पर क्वालिफाई कर सकते हैं।
इस तरह होगा टैक्स का गणना
विदेश में नौकरी करने जाने वाले लोग अक्सर टैक्स कानूनों की जानकारी के अभाव में अपनी भारतीय Residential Status और टैक्सएबिलिटी को सही तरीके से निर्धारित नहीं कर पाते। इस गलतफहमी में रहते हैं कि विदेश में कमाई गई आय भारत में टैक्सेबल नहीं होती। ऐसा कई मामलों में गलत साबित हुआ है।
Exchange Control Law का समझदारी से फायदा उठाएं
रहवास के मामले में Exchange Control Law के प्रावधान अलग हैं। बैंक्स अक्सर विदेश जाने वाले व्यक्तियों के बैंक खाते को NRE/NRO अकाउंट के रूप में डिज़ाइन करना चाहते हैं। यही बात उन लोगों को कंफ्यूज़न में डाल देती है, जिन्हें टैक्स और फॉरेन एक्सचेंज नियमों की सही जानकारी नहीं होती है। इसका सीधा असर ये होता है कि वो लोग भारत के बाहर पैसा भेजने की अपनी योग्यता में भी कंफ्यूज़ रह जाते हैं।
Social Security Agreement का फायदा उठाएं
विदेश में काम करने के दौरान, आपको उस देश की Social Security Scheme में योगदान करने की आवश्यकता नहीं होती, अगर भारत का उस देश के साथ Social Security Agreement साइन हुआ है और आपके पास EPFO से Certificate of Coverage है।
जानकारी की कमी में न फंसे
विदेश में काम करने वाले भारतीयों के लिए यह जानकारी बेहद ज़रूरी है। सही जानकारी के अभाव में लोग कई बार गलत निर्णय ले लेते हैं, जिससे भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।