विदेश में कई कामगार काम के लिए जाते हैं और वहीं फंस जाते हैं। एक इसी तरह का मामला सामने आया है जिसमें यूपी बिहार के 16 भारतीय कामगार लीबिया में फंस गए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। कामगारों को कहना है कि वह जेल जैसी स्थिति में रह रहे हैं क्योंकि Libyan Cement Company के Benghazi plant पर काम करते हैं वहां उन्हें किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
नियोक्ता के द्वारा contractual agreement का किया जा रहा है उल्लंघन
कामगारों के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है कि नियोक्ता के द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से काम नहीं कराया जाता है। वहीं लंबे समय तक काम के बदले पेमेंट न के बराबर मिलता है। लोगों का कहना है कि दुबई में मिली कॉन्ट्रैक्ट एजेंट के द्वारा ही उन्हें लीबिया भेजा गया था। आरोपी लीबियाई नागरिक है।
उन्हें टूरिस्ट वीजा पर काम पर भेजा गया है और उनका पासपोर्ट अपडेट के नाम पर छीन लिया गया है। काम करने से मना करने पर उनके साथ मारपीट भी की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी फिलहाल Tabassum Mansoor नामक इंडियन कम्युनिटी सोशल वर्कर ही उन कामगारों के कांटेक्ट में हैं और उनकी मदद की कोशिश कर रही हैं।
दूतावास से संपर्क करने की सलाह
दरअसल इस मामले में Tabassum Mansoor को दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी गई है। लीबिया की राजधानी Tripoli में स्थित भारतीय दूतावास को अप्रैल 2019 से ही बंद कर दिया गया है। इसलिए उन्हें इस मामले में Tunis स्थित भारतीय दूतावास में संपर्क करना होगा जहां लीबिया से जुड़े मामले भी देखे जाते हैं। लीबिया ट्रैवल पर पाबंदी लगी हुई है लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय यात्री वहां दूसरे देशों से होकर पहुंच रहे हैं।