एमपॉक्स वायरस को लेकर पूरी दुनिया में चिंता बढ़ती जा रही है, और इसी को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपनी तैयारी मजबूत कर ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अगुवाई में शनिवार को एक अहम समीक्षा बैठक हुई, जिसमें एमपॉक्स से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर चर्चा की गई।
भारत में सतर्कता
हालांकि, अभी तक भारत में एमपॉक्स का कोई केस नहीं मिला है, फिर भी सरकार ने वायरस से बचाव और इसके प्रसार को रोकने के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करने का फैसला किया है। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि अगले कुछ हफ्तों में विदेश से आने वाले लोगों में संक्रमण के कुछ मामले मिल सकते हैं, इसलिए एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य यूनिटों को अलर्ट
एयरपोर्ट, बंदरगाहों और सीमाओं पर संचालित सभी स्वास्थ्य यूनिटों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही, देशभर की 32 प्रयोगशालाओं को जांच के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि संक्रमितों की पहचान और उनके आइसोलेशन पर खास ध्यान दिया जाए। एमपॉक्स का संक्रमण दो से चार हफ्तों तक रह सकता है, लेकिन सामान्य उपचार से रोगी स्वस्थ हो सकता है।
अफ्रीका में बढ़ते मामले
अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स एक बड़ी महामारी का रूप ले चुका है। इस साल जनवरी से अब तक 18,700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 1,200 मामले सिर्फ पिछले एक हफ्ते में दर्ज किए गए हैं। अफ्रीका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, कांगो देश सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 26 प्रांतों में मरीज मिल चुके हैं।
वैश्विक आपातकाल
एमपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। अफ्रीका के बाहर भी यह वायरस फैल रहा है, जैसे कि पाकिस्तान और स्वीडन में भी इसके मामले सामने आए हैं। पाकिस्तान एशिया का पहला देश बन गया है, जहां यह वायरस पहुंचा है।
सरकार की तैयारियां
भारत सरकार ने इस वायरस से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पूरी तरह से पुख्ता कर लिया है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।