NHAI ने यात्रा के समय को घटाकर सिर्फ 2.5 घंटे करने के लिए इन दो कॉमर्शियल केंद्रों को एक नए एक्सप्रेसवे से जोड़ने का फैसला किया है। ऐसे में इस नए हाई-स्पीड कॉरिडोर से अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।देश में लगातार बिछ रहे सड़कों के जाल के बीच जल्द ही Bangalore-Chennai Expressway की शुरुआत होने जा रही है। इसके शुरू होने के बाद बैंगलोर से चेन्नई तक की यात्रा केवल 2.5 घंटे में तय की जै सकेगी। वर्तमान में, बैंगलोर से चेन्नई की यात्रा के लिए तीन अलग-अलग रास्ते हैं और इन दोनों शहरों के बीच लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय करने में कार द्वारा औसतन 7.5 घंटे लग जाते हैं। इस तरह एक्सप्रेसवे के शुरू होने बाद यात्रा के दौरान लगने वाला समय आधे से भी कम हो जाएगा। क्या है है इस नए एक्सप्रेसवे को लेकर अपडेट, आइए जान लेते हैं।
Bangalore-Chennai Expressway से किसे मिलेगा लाभ
एनएचएआई ने यात्रा के समय को घटाकर सिर्फ 2.5 घंटे करने के लिए इन दो कॉमर्शियल केंद्रों को एक नए एक्सप्रेसवे से जोड़ने का फैसला किया है। ऐसे में, इस नए हाई-स्पीड कॉरिडोर से अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। साथ ही इस नए एक्सप्रेसवे के रास्ते में टियर-3 शहरों के विकसित होने की उम्मीद है। ये नया एक्सप्रेसवे उन 26 नए ग्रीन एक्सप्रेसवे में से एक है, जिनका निर्माण NHAI द्वारा किया जा रहा है और इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला पहले ही मई 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी जा चुकी है।
Bangalore-Chennai Expressway कब होगा शुरू
इस नए बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर सरकार 16,700 करोड़ रुपये की लागत लगा रही है। यह तमिलनाडु में रानीपेट, आंध्र प्रदेश में पलमनेर और चित्तूर व कर्नाटक में होसकोटे, मलूर, बंगारापेट और कोलार गोल्ड फील्ड्स (केजीएफ) जैसे शहरों को जोड़ेगा। इस नए एक्सप्रेसवे को 262 किलोमीटर लंबा होने का अनुमान है, जिसमें से 106 किलोमीटर कर्नाटक में और 71 किलोमीटर आंध्र प्रदेश में है। वहीं इसका 85 किलोमीटर हिस्सा तमिलनाडु में है। एनएचएआई के मुताबिक, परियोजना को तीन चरणों में बांटा गया है, लेकिन मौजूदा योजना के मुताबिक काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि एक्सप्रेसवे के अगले साल के अंत से ठीक पहले खुलने की संभावना है।
Bangalore-Chennai Expressway नहीं चल सकेंगे छोटे वाहन
कहा जा रहा है कि, बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे को 120 किमी/घंटा तक की गति के लिए डिजाइन किया गया है। ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिल जैसे धीमी गति से चलने वाले वाहनों को हाई-स्पीड कॉरिडोर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नए एक्सप्रेसवे के साथ, सरकार न केवल दो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करने की उम्मीद कर रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।