इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 काफी नजदीक आ गई है। ऐसे में अगर आप भी निवेश करके टैक्स बचाना चाहते हैं, तो अभी भी आपके पास मौका है।
पांच स्कीमों के बारे में जानें जिनमें निवेश कर आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं
- पांच साल की बैंक FD
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसमें आपकी निवेश वाली रकम सेफ रहती है और आप उस पर तय रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं। पांच साल की एफडी को इनकम टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है। इसमें आप निवेश को पांच साल से पहले नहीं भुना सकते। अगर निवेश को भुनाना जरूरी है, तो टैक्स छूट के लाभ को एडजस्ट करना पड़ सकता है।
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- PPF भी इनकम टैक्स बचाने का एक अच्छा तरीका है। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के PPF अकाउंट में निवेश करके भी टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। PPF अकाउंट के मैच्योर होने की अवधि 15 साल है। इसमें निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी पर रकम की निकासी पर भी टैक्स छूट मिलती है।
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)
- ELSS में आप 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। यूनिट बेचने पर होने वाले फायदे पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता। डिविडेंड भी टैक्स-फ्री रहता है। इसमें आप एकमुश्त या SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं।
- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
- यूलिप में प्रीमियम की पूरी रकम पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। यह लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और इन्वेस्टमेंट का मिला-जुला रूप है। इसमें आपके प्रीमियम का एक हिस्सा लाइफ इंश्योरेंस कवर के लिए जाता है, जबकि बाकी हिस्सा किसी फंड में निवेश कर दिया जाता है।
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
- NSC भी टैक्स बचाने वाली स्कीम के लिहाज से काफी लोकप्रिय है। इसके मैच्योर होने की अवधि पांच साल में है। इसमें 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये की टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इसमें ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। शुरुआती वर्षों के ब्याज को NSC में निवेश समझा जाता है और उस पर आप 80C के तहत टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं।
Key Takeaways:
- पांच साल की बैंक FD में निवेश से सुरक्षित रिटर्न मिलता है और टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
- PPF में निवेश से 15 साल की अवधि तक ब्याज और मैच्योरिटी पर टैक्स छूट मिलती है।
- ELSS में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है और यूनिट बेचने पर टैक्स नहीं लगता।
- ULIP में प्रीमियम की पूरी रकम पर 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
- NSC में पांच साल की अवधि तक टैक्स छूट और ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
Important Information:
निवेश योजना | मैच्योरिटी अवधि | टैक्स छूट की सीमा | अतिरिक्त जानकारी |
---|---|---|---|
पांच साल की बैंक FD | 5 साल | ₹1.5 लाख (80C) | सुरक्षित निवेश, तय रिटर्न |
PPF | 15 साल | ₹1.5 लाख (80C) | ब्याज और मैच्योरिटी पर टैक्स छूट |
ELSS | 3 साल | ₹1.5 लाख (80C) | यूनिट बेचने पर टैक्स नहीं |
ULIP | निर्भर करता है | ₹1.5 लाख (80C) | इंश्योरेंस और निवेश का मिला-जुला रूप |
NSC | 5 साल | ₹1.5 लाख (80C) | ब्याज पर टैक्स छूट |