आने वाले समय में, कई सरकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर विनिवेश होने की संभावना है। केंद्र सरकार ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों में अपनी 5-10% हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है, जैसा कि इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है।

🗺️ विस्तृत रोडमैप की तैयारी 🗺️

इस वित्तीय रणनीति के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया जा रहा है। यह कदम इन बैंकों के शेयर मूल्यों में हालिया उछाल का लाभ उठाने के लिए उठाया जा रहा है।

🏦 विनिवेश के लिए चुने गए बैंक 🏦

मोदी सरकार भविष्य में उन 6 सरकारी बैंकों में 10% तक की हिस्सेदारी बेच सकती है, जिनमें उसकी 80% से अधिक इक्विटी है। इनमें बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक शामिल हैं।

📈 योजना का विवरण 📈

सूत्रों के अनुसार, सरकार इन हिस्सेदारियों की बिक्री ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के माध्यम से कर सकती है। सरकारी बैंकों के बेहतर प्रदर्शन और बैड लोन में कमी के कारण इनके शेयरों में तेजी आई है। पिछले वर्ष, निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स की 6.9% वृद्धि के मुकाबले निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 34% की वृद्धि हुई है। सोमवार को निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.64% बढ़ा, जबकि निफ्टी 50 82 अंक या 0.42% गिरकर 19,443.55 पर बंद हुआ था।

🔍 आगे की राह 🔍

सरकार का यह कदम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक नया आयाम लाने की उम्मीद है। यह इन बैंकों के प्रदर्शन में सुधार और क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और दक्षता लाने की सरकार की मंशा को दर्शाता है।

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