नवंबर 2023 में भारत और इज़राइल के बीच हुए एक द्विपक्षीय समझौते के तहत, 1 जुलाई 2025 तक कुल 6,774 भारतीय मजदूर इज़रायल में काम के लिए भेजे गए हैं। यह जानकारी विदेश राज्यमंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।
यह समझौता इज़रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद हुआ था। मंत्री ने बताया कि मार्च 2024 में लेबनान से हुए एक हमले में एक भारतीय कृषि मजदूर की मौत हो गई। इसके अलावा, तीन अन्य भारतीय नागरिक गाजा से रॉकेट हमले में 7 अक्टूबर 2023 को और दो मार्च 2024 में लेबनान से हुए हमले में घायल हुए। सरकार ने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों, खासकर श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
2022 से भारत और इज़राइल के बीच सुरक्षित, व्यवस्थित और वैध तरीके से भारतीयों के इज़राइल में काम करने के लिए बातचीत चल रही थी। इसका नतीजा नवंबर 2023 में हुए समझौते और कार्यान्वयन प्रोटोकॉल के रूप में सामने आया। सरकार के अनुसार, कुल 6,774 भारतीय श्रमिकों में से 6,730 लोग निर्माण क्षेत्र और 44 लोग देखभालकर्ता (केयरगिवर) के रूप में नियुक्त हुए हैं। इसके अलावा, प्राइवेट चैनलों के माध्यम से भी लगभग 7,000 केयरगिवर और 6,400 निर्माण मजदूर इज़राइल में भर्ती किए गए हैं।
इनमें से लगभग 220 लोग मुख्यत कौशल की कमी और भाषा की समस्याओं के कारण वापस भारत लौट आए। भारतीय दूतावास लगातार वहां के भारतीय समुदाय के संपर्क में है, नियमित कांसुलर विज़िट्स करता है और इज़रायली अधिकारियों के साथ मिलकर श्रमिकों की सुरक्षा, इलाज और मुआवज़े की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है।




